scorecardresearch
 

पंजाब सरकार की कैबिनेट का फिर होगा विस्तार, अब ये दो विधायक भी बनेंगे मंत्री

वर्तमान में भगवंत मान के नेतृत्व वाली कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 15 मंत्री शामिल हैं. कैबिनेट में कुल 18 मंत्रियों को जगह दी जा सकती है. इससे पहले जुलाई 2022 में भगवंत मान सरकार ने अपना पहला कैबिनेट विस्तार किया था और पार्टी के पांच विधायकों शामिल किया गया था. फिर इसी साल जनवरी में, आप के वरिष्ठ नेता और पटियाला ग्रामीण विधायक डॉ बलबीर सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. तब फौजा सिंह सारारी ने इस्तीफा दिया था.

Advertisement
X
पंजाब के सीएम भगवंत मान
पंजाब के सीएम भगवंत मान

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रही है. बुधवार को विधायकों बलकार सिंह और गुरमीत सिंह खुडियान को मंत्री के रूप में शामिल किया जाएगा. दरअसल, पंजाब के कैबिनेट मंत्री इंदरवीर सिंह निज्जर ने निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया था. इसको मुख्यमंत्री ने स्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेज दिया है. इसके बाद अब कैबिनेट में दो नए चेहरों को शामिल करने का फैसला किया गया है.

Advertisement

मुख्यमंत्री ने जालंधर के करतारपुर से विधायक बलकार सिंह और मुक्तसर की लंबी सीट से विधायक गुरमीत सिंह खुडियान को कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव भी राज्यपाल को भेजा है. इसमें अनुरोध किया गया है कि बुधवार को सुबह 11 बजे पंजाब राजभवन में राज्यपाल नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाने की मंजूरी दें.

बता दें कि वर्तमान में भगवंत मान के नेतृत्व वाली कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 15 मंत्री शामिल हैं. कैबिनेट में कुल 18 मंत्रियों को जगह दी जा सकती है. इससे पहले जुलाई 2022 में भगवंत मान सरकार ने अपना पहला कैबिनेट विस्तार किया था और पार्टी के पांच विधायकों शामिल किया गया था. फिर इसी साल जनवरी में, आप के वरिष्ठ नेता और पटियाला ग्रामीण विधायक डॉ बलबीर सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. तब फौजा सिंह सारारी ने इस्तीफा दिया था.

Advertisement

न्यूज एजेंसी के मुताबिक पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएम भगवंत मान बुधवार को अपने सरकारी आवास पर रात्रिभोज का आयोजन करेंगे, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद रहेंगे. केजरीवाल मंत्रियों, पार्टी विधायकों और सांसदों से मुलाकात करेंगे. साथ ही उन्हें पार्टी के "अध्यादेश आउटरीच" से अवगत कराने की संभावना है. दिल्ली सेवा मामले पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी राजनीतिक दलों का समर्थन मांग रही है.

Advertisement
Advertisement