पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बीच हुई मीटिंग और उनके मजबूत गठबंधन को देखते हुए पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
चर्चा है कि लोकसभा में टिकट न मिलने से ही नाराज चल रहे सिद्धू आम आदमी पार्टी के भी संपर्क में हैं. पंजाब में उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है.
अकाली दल से दुश्मनी मोल नहीं लेगी बीेजेपी
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पहले इस बात के संकेत दिए थे कि सिद्धू को पंजाब बीजेपी में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू को राज्य में अहम जिम्मेदारी सौपकर बीजेपी अकाली दल से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहेगी.
दरअसल, सिद्धू को 'एंटी बादल' नेता माना जाता है. अकाली दल से सिद्धू की तकरार हरियाणा चुनावों के दौरान भी दिखी थी.
सोशल मीडिया में सिद्धू के लिए कैंपेन
सिद्धू के समर्थन में सोशल मीडिया में भी कैंपेन चलाया जा रहा है. ट्विटर पर #Sidhu4Punjab के साथ काफी ट्वीट किए गए और ये टॉप ट्रेंड्स में भी शामिल रहा. लोगों ने यह भी कहा कि सिद्धू को सीएम उम्मीदवार बनाकर बीजेपी राज्य में ज्यादा सीटें जीत सकती है.
सिद्ध की पत्नी ने भी जताई नाराजगी
सिद्धू को पार्टी से साइडलाइन किए जाने का असर उनकी पत्नी की बातों पर भी साफ दिखा और उन्होंने एक कार्यक्रम में तो यहां तक कहा कि अगर 2017 में होने वाले चुनावों में बीजेपी-अकाली दल का गठबंधन रहा तो लोग आम आदमी पार्टी को वोट देंगे. सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू अमृतसर-ईस्ट से बीजेपी की विधायक हैं.
उन्होंने यह भी कहा, 'बीजेपी और अकाली दल के एक साथ चुनाव प्रचार करने का कोई तुक नहीं है. पहली बार इंसान गलती कर लेता है, हमें पता है हम गलती नहीं दोहराएंगे.'
बता दें कि आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि 'सिद्धू का पार्टी में स्वागत है.'