पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद वह करोड़ों के अनाज घोटाले से एक-एक पैसा वापस लाएंगे और केस की जांच सीबीआई को देंगे. कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि भ्रष्ट बादल एंड कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में वापस आने के बाद सच्चाई सामने लाने के लिए राज्य में अनाज के स्टॉक की फिजिकल वेरीफिकेशन करवाई जाएगी. उन्होंने कहा- 'कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद घोटाले के दोषियों को जेल भेजा जाएगा. हम बादलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे.'
'सरकार स्कैंडल को लोन में बदल रही'
उन्होंने कहा कि अकाली सरकार इस मेगा स्कैंडल को लोन में बदलने की कोशिश कर रही है. कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि उनके द्वारा 2002 में अकालियों से राज्य की कमान संभालने के अवसर पर पंजाब के ऊपर केन्द्र सरकार का 4,500 करोड़ रुपए का बकाया था. उनकी सरकार ने सफलतापूर्वक वह कर्ज उतार दिया था. लेकिन जब बादल सत्ता में आए तो राज्य एक बार फिर से कर्ज के जाल में फंसता चला गया. यह रकम बहुत बड़ी हो चुकी है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि ताजा मामले में आरबीआई के पास 30,000 करोड़ रुपये के लोन को नया रूप दिया जा रहा है. ऐसे में राज्य के सिर चढ़ा कर्ज अगले 20 सालों में 50,000 करोड़ रुपये को पहुंच जाएगा. अमरिंदर सिंह ने दावा किया वह बादलों को ऐसा नहीं करने देंगे.
'कैग ने भी दिए हैं सबूत- सिंह'
अमरिंदर सिंह ने कहा कि कैग ने भी अपनी जांच में बादल सरकार पर लगाम लगाने के लिए पुख्ता सबूत जमा किए हैं. इस साल अप्रैल में विजिलेंस ब्यूरो को दिए शिकायत में कांग्रेस ने कहा था कि कैग और आरबीआई ने शुरुआती जांच में पाया कि 32,000 करोड़ रुपये के स्टॉक का गायब होना केन्द्रीय फंडों में अनियमितता और अनाज का अन्य उद्देश्यों में प्रयोग को दिखाता है. पार्टी के प्रवक्ता सुनील जाखड़ ने कहा था कि मामले में राज्य की खरीद एजेंसियों द्वारा अनाज की ढुलाई हेतु 3,319 ट्रकों के इस्तेमाल का दावा किया गया था. लेकिन कैग ने रजिस्ट्रेशन नंबरों की जांच के दौरान पाया था कि 87 वाहन वास्तव में दोपहिया वाहन व कारें थीं. जबकि बाकियों की पहचान नहीं हो सकी, जो यह दिखाती है कि अनाज कभी
गोदामों तक नहीं पहुंचा था.