पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 20 नवंबर 2016 को बतौर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष घोषणा की थी कि अगर उनकी पार्टी सूबे की सत्ता में आती है, तो युवाओं में 50 लाख 4G स्मार्टफोन मुफ्त बांटे जाएंगे, जिसके साथ एक साल के लिए फ्री डाटा और कॉलिंग सुविधा भी देने का वादा किया गया था. हालांकि उस समय लोगों ने अमरिंदर पर तंज कसते हुए कहा था कि वह देश के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी से बराबरी कर रहे हैं. हकीकत यह है कि कैप्टन ने जियो के भरोसे यह वादा किया था.
दरअसल, मुकेश अंबानी के रिलायंस जियो ने देश के यूजरों को छह महीने के लिए मुफ्त इंटरनेट और कॉलिंग की सुविधा दी है. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या अमरिंदर युवाओं को मुफ्त स्मार्टफोन बांटने का वादा पूरा कर पाएंगे या नहीं. हिंदुस्तान टाइम्स ने पंजाब सरकार एवं कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से बताया कि चुनाव के दौरान कैप्टन अमरिंदर सूबे के युवाओं से सिर्फ वादा कर रहे थे, जो अंबानी ने पहले ही कर दिया था. रिलायंस जियो ने पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने पर 50 लाख स्मार्टफोन मुफ्त या फिर बेहद सस्ते में बांटने की पेशकश की थी.
इससे पहले जब अमरिंदर पंजाब के मुख्यमंत्री रहे, तब से अंबानी के साथ उनके करीबी रिश्ते हैं. 2002 से 2007 के बीच अमरिंदर के सीएम रहने के दौरान रिलायंस ने सरकारी जमीन पर अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की, जिसको प्रकाश सिंह बादल सरकार ने ठंडे बिस्तार में डाल दिया था.
30 लाख युवा करा चुके हैं पंजीकरण
पंजाब के युवाओं को स्मार्टफोन बांटने के लिए "कैप्टन स्मार्ट कनेक्ट" स्कीम के तहत करीब 30 लाख युवा पंजीकरण करा चुके हैं. इसके तहत पंजीकरण के लिए 10-10 दिन के लिए योजना को दो बार खोला गया. जब अमरिंदर से
पूछा गया था कि क्या वोट के बदले स्मार्टफोन बांटने का वादा मतदाताओं को रिश्वत देने जैसा नहीं है? इस पर कांग्रेस नेता ने कहा था कि स्मार्टफोन से युवा डिजिटल दुनिया से कनेक्ट हो सकेंगे. हालांकि अब देखना यह है कि कर्ज
से जूझ रही पंजाब सरकार के लिए मुफ्त स्मार्टफोन बांटना कहां तक संभव है? रिलायंस के सूत्रों का कहना है कि कंपनी के लिए एक साल तक मुफ्त डाटा देना कोई बड़ी बात नहीं है. पंजाब में रिलायंस के पहले से ही 40 लाख
ग्राहक हैं.