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चंडीगढ़ की हवा दिल्ली से भी खराब, बना देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर, AQI 347 के पार

पंजाब और हरियाणा के कई शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है. वहीं, चंडीगढ़ की स्थिति बहुत चिंताजनक है. मौसम विभाग के मुताबिक, चंडीगढ़ की हवा दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित है.

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Chandigarh Pollution
Chandigarh Pollution

ब्यूटीफुल सिटी के नाम से जाने वाले चंडीगढ़ की हवा दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित है. चंडीगढ़ का AQI 347 पहुंच चुका है और आने वाले दिनों में हालत ऐसे ही रहेंगे, जिसकी वजह से लोगों को प्रदूषण की मार झेलना ही पड़ेगी. वहीं, बदलते मौसम और बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण बीमारियां बढ़ने की भी आशंका है. चंडीगढ़ में प्रदूषण के कई कारण हैं, जिसमे वाहन प्रदूषण, पराली, निर्माण और उद्योग शामिल हैं. लेकिन इन दिनों जब हवा भारी और नम होती है तो प्रदूषण के कण हवा में रहते हैं और बिना बारिश और बिना हवा की गति के दृश्यता को प्रभावित करते हैं. 

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उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, बिहार के हाजीपुर के बाद चंडीगढ़ का AQI देश में सबसे खराब है, जो चंडीगढ़ में 347 है, पंजाब में भी AQI का स्तर कम देखा जा रहा है. मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 268 दर्ज किया गया. इसके बाद लुधियाना और पटियाला में 223-223, जालंधर में 210, अमृतसर में 209, रोपड़ में 203, बठिंडा में 138 दर्ज किया गया. यहां तक कि दिल्ली, जो आमतौर पर प्रदूषण का केंद्र है में भी मंगलवार को AQI 317 दर्ज किया गया. हरियाणा में सबसे खराब AQI 263 पंचकूला और जींद में दर्ज किया गया. इसके बाद सोनीपत में 237, बहादुरगढ़ में 230, चरखी दादरी में 228, भिवाड़ी में 225, पानीपत में 221, कुरुक्षेत्र में 217 और गुड़गांव में 210 दर्ज किया गया है. 

दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित कैसे हुआ चंडीगढ़?

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पीजीआई के एनवायरमेंटल हेल्थ प्रोफेसर डॉ रविंद्र खैवाल ने बताया कि 9 नवंबर से हवा की दिशा में बदलाव हुआ है, जो कि हरियाणा और पंजाब से दिल्ली की तरफ जाने की बजाय चंडीगढ़ की तरफ मुड़ गई है, जिसके कारण चंडीगढ़ का AQI 347 पर पहुंच गया है. अब ना तो हवा में तेजी है और ना ही मौसम में बदलाव है, जिसके कारण चंडीगढ़ का AQI दिल्ली से भी ज्यादा खराब है दिल्ली में इस समय एक्यूआई 334 है और चंडीगढ़ में 347 है. 

मौसम विभाग का कहना है कि हवा की स्थिरता और अन्य कारणों से प्रदूषण बढ़ा है और इस बार सर्दी भी देरी से आई है, जिसके कारण अक्टूबर-नवंबर में बारिश कम हुई और तापमान भी औसत से कुछ डिग्री अधिक है. इसकी वजह से हवा की दृश्यता भी प्रभावित हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदूषण बढ़ने से पंजाब की विजिबिलिटी प्रभावित हुई है.

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