
चंडीगढ़ के नए मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने बीजेपी पर धोखाधड़ी से अपना मेयर बनाने का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार की सुनवाई से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. पंजाब बीजेपी अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा ने इसकी पुष्टि की. इस बीच चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावट और गुरचरण काला बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
पंजाब के मेयर चुनाव में कथित धांधली के आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, और चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग के साथ ही नए मेयर के कामकाज पर रोक लगाने और चुनाव के तमाम दस्तावेज सील करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहली सुनवाई में मेयर के कामकाज पर रोक लगाने के साथ ही, तमाम चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर को सील करने का आदेश दिया था.
ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ मेयर चुनावः 13 प्लस 7 माइनस 8... और जीत गई BJP, ऐसे बिगड़ गया कांग्रेस-AAP का गेम
अनिल मसीह सुप्रीम कोर्ट में होंगे पेश
चीफ जस्टिस ने मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिस रहे अनिल मसीह को बड़ी फटकार लगाई थी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यहां तक कहा था कि रिटर्निंग ऑफिसर पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने 'लोकतंत्र की हत्या' जैसी सख्त टिप्पणियां की थी. अनिल मसीह बीजेपी माइनॉरिटी सेल के महासचिव थे और उनकी निगरानी में ही चंडीगढ़ में मेयर चुनाव हुए, जिसमें वह प्रिजाइडिंग ऑफिसर बनाए गए.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने उन्हें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव पद से हटा दिया था. 19 फरवरी की सुनवाई में अनिल मसीह को भी कोर्ट में पेश होना है. मेयर चुनाव की सीसीटीवी से निगरानी की गई. देखा गया कि अनिल मसीह बैलट पेपर पर कलम चला रहे थे, जिसे देख सीजेआई चंद्रचूड़ नाराज हो गए थे और कहा था, "इसे कोई बताओ कि सुप्रीम कोर्ट उसे देख रहा है."
तीन पार्षदों के बीजेपी में आने से बदले समीकरण
आप के तीन पार्षदों के टूटने के बाद बीजेपी के पास कुल 17 पार्षद हो गए हैं. इनके अलावा एक सांसद का वोट भी है और बीजेपी को शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का भी समर्थन है. ऐसे में अब बीजेपी के पास कुल वोटों की संख्या 19 हो गई है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पास अब घटकर सिर्फ 17 वोट रह गए हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी के 10 और कांग्रेस के 7 वोट शामिल हैं. चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं, जबकि एक सांसद का वोट मिलकर 36 वोट डाले जाते हैं. ये ही फिर मेयर को चुनते हैं.
आप-कांग्रेस कर रही थी सोनकर को हटाने की मांग
चंडीगढ़ में 30 जनवरी को मेयर के चुनाव हुए थे. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था और संयुक्त रूप से उनके पास 20 पार्षदों के वोट थे. हालांकि, प्रिजाइडिंग ऑफिसर या रिटर्निंग ऑफिसर ने कथित रूप से उनके आठ वोट रद्द कर दिए और 16 पार्षदों के समर्थन वाले बीजेपी के जीत का ऐलान कर दिया था. इसी दरमियान पार्टी नेताओं ने मनोज सोनकर को मेयर की सीट पर लाकर बैठा दिया. तब से ही आप-कांग्रेस सोनकर को उनके पद से हटाने की मांग कर रही थी.
ये भी पढ़ें: 'ये लोकतंत्र की हत्या...', चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुनवाई करते हुए रिटर्निंग ऑफिसर पर भड़के CJI
कब हुए चंडीगढ़ में मेयर चुनाव?
चंडीगढ़ में मेयर चुनाव पहले 18 जनवरी के लिए शेड्यूल थे लेकिन अनिल मसीह कथित रूप से बीमार पड़ गए थे. इसकी वजह से चुनाव को स्थगित करना पड़ा था. बाद में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर 30 जनवरी को चुनाव की तारीख तय हुई. चुनाव में सीसीटीवी से निगरानी भी की गई लेकिन चुनाव में कथित रूप से धांधली हो गया. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव को रद्द करने के साथ ही मेयर का चुनाव फिर से कराने की मांग की थी. अब सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मामले की अगली सुनवाई होगी.