पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को किसान यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ पंजाब भवन में उनकी 11 सूत्री मांगों को लेकर बैठक की. जानकारी के मुताबिक भगवंत मान ने किसानों की ज्यादातर मांगें मान ली हैं. अब किसान प्रतिनिधि धरने पर बैठे किसानों से बातचीत कर धरना खत्म करने का ऐलान करेंगे.
मालूम हो कि किसान पिछले 24 घंटे से किसान गेहूं खरीद पर बोनस और धान की बोआई शुरू करने के आदेश सहित तमाम मांगों को लेकर चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ हैं. किसान चंडीगढ़ की ओर कूच करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया है. बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिसबल और बैरिकेडिंग की गई है.
सीएम ने आंदोलन को बताया था गैरजरूरी
इससे पहले सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को अनावश्यक करार दिया था. उन्होंने किसान यूनियनों को नारेबाजी बंद करने और पंजाब में गिरते जल स्तर को थामने में राज्य सरकार का सहयोग करने को कहा. मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि धान की बुवाई कार्यक्रम से किसानों के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा.
सीएम पर वादाखिलाफी का आरोप
वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि गेहूं के लिए 500 रुपये बोनस की मांग की गई थी, जिस पर सीएम ने सहमति जताई लेकिन उसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई. हम बासमती, मूंग पर एमएसपी के लिए अधिसूचना की भी मांग करते हैं. बिजली के प्रीपेड मीटर नहीं लगाए जाने चाहिए. मांगें पूरी होने तक हम चंडीगढ़ में दिल्ली जैसा प्रदर्शन जारी रखेंगे .
क्या है किसानों की मांग?
- तापमान बढ़ने से गेहूं की उपज को हुए नुकसान के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा दिया जाए.
- मक्का, बासमती और मूंग के लिए एमएसपी तय करने की अधिसूचना जारी की जाए.
- पिछली सरकार की तरह दो लाख की कृषि कर्जमाफी हो.
- धान की बुआई के लिए आठ घंटे बिजली मिले.
- किसानों के गन्ना बकाया का भुगतान जल्द हो.
- चिप आधारित बिजली मीटरों को रोक लगे.
- धान की खेती 18 जून की जगह 10 जून से शुरू करने का आदेश दिया जाए.