कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यू-टर्न लिया है. कैप्टन ने मंगलवार को कहा, पंजाब में चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन से अंबानी-अडानी को नहीं बल्कि पंजाब के लोगों का नुकसान हो रहा है. क्योंकि पंजाब में कॉर्पोरेट घरानों का व्यापार उतना ज्यादा नहीं है.
कैप्टन ने कहा है कि पंजाब में किसान आंदोलन के चलते कारोबार के प्रति नकारात्मक माहौल बन रहा है, जिससे राज्य में होने वाला निवेश प्रभावित होगा. उन्होंने एक बार फिर किसान संगठनों से अपील की है कि वह उनके बयान को राजनीतिक रंगत देने का प्रयास ना करें.
'हमारी सरकार ने हमेशा किसानों का साथ दिया'
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार ने हमेशा किसानों का साथ दिया है. लेकिन पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ धरने-प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इससे राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है. उधर, भाजपा ने कैप्टन के यू-टर्न पर कांग्रेस पर तंज कसा है.
भाजपा ने कहा, आखिर कैप्टन ने मान लिया है कि किसान आंदोलन कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है. भाजपा नेता विनीत जोशी ने कहा, अमरिंदर सिंह ने मान लिया है कि यह कांटे उनके द्वारा ही बोए गए हैं.
किसानों के हित की रक्षा करने में नाकाम रही सरकार- अकाली दल
अकाली दल के नेता कैप्टन की आलोचना करते हुए कहा, पंजाब सरकार अपने कार्यकाल में किसानों के हित की रक्षा करने में नाकाम रही, ऐसे में जब लोगों के बीच सरकार के जाने की खबर है, तो कैप्टन ने पलटी मार ली है.
'कैप्टन को कॉर्पोरेट घरानों की फिक्र'
किसान संगठनों ने कैप्टन के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. किसान संगठनों ने पूछा है कि वे लोगों को बताएं कि किसानों के साथ होने का सिर्फ ढोंग कर रहे थे, या उनको कॉर्पोरेट घरानों की फिक्र है.