पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा से चंडीगढ़ पर हिमाचल सरकार के 'दावे' को लेकर कांग्रेस पार्टी का रुख स्पष्ट करने को कहा है. भगवंत मान की टिप्पणी उन सुर्खियों के बाद आई है, जिनमें कहा गया कि हिमाचल सरकार केंद्र शासित चंडीगढ़ में हिस्सेदारी मांग रही है.
एक बयान में पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा की 'खामोशी' हैरान करती है. उन्हें हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए झूठे दावे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ये नेता दूसरे राज्यों में अपने राजनीतिक फायदे के लिए प्रदेश के हितों पर अपना रुख बदल लेते हैं. यह शर्मनाक है. भगवंत मान ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है, था और हमेशा रहेगा. राज्य सरकार लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
कांग बोले- चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का अधिकार
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता मालविंदर सिंह कांग ने कहा कि चंडीगढ़ पर केवल पंजाब का ही पूरा अधिकार है. उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्भाग्य से साठ के दशक के दौरान केंद्र की कांग्रेस सरकार ने चंडीगढ़ का कुछ हिस्सा हरियाणा को देकर पंजाब के साथ धोखा किया था.
साल 1966 में पंजाब से अलग हुआ था हरियाणा
मालविंदर सिंह कांग ने कहा कि साल 1966 में हरियाणा को पंजाब से अलग कर दिया गया और चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाया गया. केंद्र सरकार ने पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया और इसका प्रशासन सीधे केंद्र के अधीन आ गया.