पंजाब में राजनीतिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu resign) के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के थोड़ी देर बाद ही राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आयोजित पीसी में कहा कि मुझे उनके इस्तीफे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर सिद्धू नाराज हैं तो उनसे मिलकर बात करेंगे.
सिद्धू के इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम चन्नी ने कहा, 'मुझे सिद्धू के इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं है. सिद्धू नाराज हैं तो उनसे मिलकर बात करेंगे. सिद्धू के बात करूंगा, सब ठीक हो जाएगा. मुझे सिद्धू पर पूरा भरोसा है.'
कृषि कानूनों पर सीएम की पीसी
सिद्धू के इस्तीफे के इतर राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कृषि कानूनों पर कहा कि किसानों को रियायती ब्याज दरों पर कर्ज दिया जाए. केंद्र सरकार को चाहिए कि उसने किसानों की स्थिति में सुधार के लिए जो कदम उठाए, वो बेहद खराब हैं. उन्होंने कहा कि हम आंदोलन में मारे गए किसान परिवारों को सरकारी नौकरी दे रहे हैं.
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मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि हम कृषि कानूनों को नकारने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे. पंजाब के किसानों पर एक लाख करोड़ का कर्ज है. हमने कुछ कर्ज माफ कर दिए हैं और केंद्र सरकार को किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'किसानों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है लेकिन केंद्र अप्रभावित है. मैं पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में केंद्र से तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपील करना चाहता हूं.'
सिद्धू ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
इससे पहले पंजाब में एक बार फिर राजनीतिक घटनाक्रम उस समय तेज हो गया जब नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में सिद्धू ने लिखा कि वह पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं करना चाहते.
हालांकि सिद्धू ने इस्तीफे की असल वजहों को पत्र में तो नहीं लिखा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ उनकी बन नहीं रही थी और उनके कुछ फैसलों से भी सिद्धू खुश नहीं थे.
सोनिया को भेजे इस्तीफे में नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा, 'समझौता करने से इंसान का चरित्र खत्म होता है. मैं पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता. इसलिए मैं प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं और आगे कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा.'