पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कृषि कानूनों के अलावा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र पर प्रस्ताव लाने के लिए 8 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. सोमवार को होने वाले इस सत्र में हंगामा होने के आसार हैं. इसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी मांग पर प्रस्ताव लाया जाएगा. इसके अलावा केंद्र की उस अधिसूचना को वापस लेने के लिए भी प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसमें बीएसएफ के ज्यूरिडिक्शन का विस्तार किया गया है. हालांकि पंजाब में विपक्षी शिरोमणि अकाली दल और सत्तारूढ़ कांग्रेस सिख विरोधी दंगों और बेअदबी के मामलों पर पहले से ही आमने-सामने हैं.
सोमवार को होने वाले सत्र से पहले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कहा कि सिख विरोधी दंगों की निंदा और गांधी परिवार के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी एक प्रस्ताव लाया जाना चाहिए. शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल ने दंगों के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार गांधी परिवार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने अन्य पार्टियों से भी इसमें सहयोग मांगा है.
सुखबीर बादल ने कहा कि हम 1984 में हुए सिखों के नरसंहार की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह गांधी परिवार के निर्देश पर किया गया था. उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए. साथ ही उन्हें अन्य आरोपियों के साथ सलाखों के पीछे रखा जाए. इसके लिए भी एक प्रस्ताव लाया जाया जाना चाहिए.
बादल के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
सुखबीर बादल के बयान पर कांग्रेस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से कहा गया कि अगर इस तरह के प्रस्ताव की मांग की जा रही है तो फिर अकाली-भाजपा काल के दौरान हुई बेअदबी, बरगड़ी और बहिबल कला में फायरिंग की घटनाओं पर भी प्रस्ताव लाया जाए.
कैबिनेट मंत्री राज कुमार वेरका ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बरगदी और बहिबल कला गोलीबारी की घटनाओं पर कभी प्रस्ताव क्यों नहीं लाए. लेकिन अब अकाली दल के नेता चिंतित हैं, क्योंकि इन घटनाओं से संबंधित मामले खोले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ड्रग संबंधी फाइलों को खोले जाने पर सुखबीर बादल, बिक्रम मजीठिया क्यों असहज हैं.
बता दें कि इन मुद्दों को सिर्फ विपक्ष ही नहीं, बल्कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू भी उठा रहे हैं, उन्होंने शुक्रवार को अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उसके कामकाज पर सवाल उठाए थे. वहीं विपक्ष और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच घिरी चरणजीत सिंह चन्नी सरकार अब बेअदबी के मुद्दों को उठाकर शिअद का मुकाबला करने की कोशिश कर रही है.