पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कह रहे हैं. यहां तक की कैबिनेट की पहली ही बैठक में सीएम अमरिंदर सिंह ने लाल बत्ती कल्चर को खत्म करने का फरमान सुनाया था. लेकिन ताजा मामले से ऐसा लग रहा है कि उनकी पार्टी के विधायकों के लिए ही ये फरमान किसी काम का नहीं है.
राज्य सरकार में नवनियुक्त मंत्रियों और विधायकों के सिर पर सत्ता का नशा जमकर बोल रहा है. इसका एक और उदाहरण पंजाब के खडूर साहिब विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला जहां पर स्थानीय कांग्रेस विधायक रणजीत सिंह सिक्की एक सार्वजनिक मंच से भाषण देते हुए इलाके के DSP को धमकाते हुए सुने जा सकते हैं.
कांग्रेस विधायक एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे उसी दौरान उन्होंने डीएसपी को धमकाते हुए कहा 'डीएसपी साहब मैं आपको बता देना चाहता हूं कि अपने तमाम SHO को बोल दो कि अगर हमारे किसी भी साथी (कांग्रेस कार्यकर्ता) के काम को उन्होंने इंकार किया तो मैं खुद ही गाड़ी लेकर थाने पहुंच जाऊंगा.' साथ ही कांग्रेस विधायक ने कहा 'जिन लोगों को लंबा लिटाने (सबक सिखाने) के लिए कहा गया है उनसे पहले इन SHO को ही लंबा डाल (सबक सिखा) दूंगा'
पंजाब में लाल बत्ती पर लगाम
पंजाब सरकारी की पहली कैबिनेट मीटिंग में एक अहम फैसला ये लिया गया था कि पंजाब के सीएम समेत तमाम कैबिनेट, राज्य मंत्री और विधायक, ब्यूरोक्रेट्स अपनी सरकारी गाड़ियों पर लाल बत्ती या अन्य कोई बत्ती नहीं लगाएंगे. पंजाब कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में इलेक्शन के दौरान वादा किया था कि पंजाब में सरकार बनने पर लाल बत्ती और वीआईपी कल्चर खत्म किया जाएगा.
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