कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पंजाब की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों और कार्यकारी समिति को भंग कर दिया. हालांकि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ अपने पद पर बने रहेंगे. पार्टी ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है. सोनिया गांधी ने ये फैसला राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मुलाकात के एक दिन बाद लिया है. दोनों नेताओं की सोमवार को मुलाकात हुई थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और हाल ही में पार्टी नेता प्रताप सिंह बाजवा की ओर से उनके खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों पर चर्चा की थी. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी के साथ इस मुद्दे को उठाया जिसे सोनिया गांधी ने गंभीरता से लिया है.
समिति भंग करने का पत्र
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने हाल ही में अमरिंदर सिंह के खिलाफ विद्रोही तेवर अपनाया था और उनके मुख्यमंत्रित्व काल में शासन की गुणवत्ता पर सवाल उठाया था. पंजाब कैबिनेट की हालिया बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा के बाद पंजाब के वरिष्ठ मंत्रियों ने बाजवा की टिप्पणियों की निंदा की थी.
सूत्रों की मानें तो अमरिंदर सिंह ने घोषणा पत्र को लागू करने के मुद्दे पर भी सोनिया गांधी के साथ चर्चा की. बैठक में पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सुनील जाखड़ और राज्य की एआईसीसी प्रभारी आशा कुमारी भी मौजूद थीं. हालांकि पंजाब कैबिनेट के संभावित विस्तार की खबरें थीं लेकिन बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई.