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पंजाबः कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने पर अकाली और AAP नेताओं के खिलाफ FIR

पंजाब में विपक्षी पार्टियों अकाली दल और आम आदमी पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने जनता के लिए खरीदी गई सरकारी वैक्सीन को महंगे दामों पर प्राइवेट अस्पतालों को बेचा और कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दी जाने वाली फतेह किट की महंगे दामों में खरीद कर काफी बड़ा घोटाला किया है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह धरना प्रदर्शन के खिलाफ सख्त (फाइल-AFP)
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह धरना प्रदर्शन के खिलाफ सख्त (फाइल-AFP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'स्वास्थ्य मंत्री बलबीर ने सरकारी वैक्सीन निजी अस्पतालों को बेची'
  • फतेह किट को बेहद महंगे दामों में खरीदा, बड़ा घोटालाः AAP
  • स्वास्थ्य मंत्री के घर के बाहर AAP के बाद अकाली दल का धरना

पंजाब में विधानसभा चुनावों से पहले सियासत गरमा गई है. कोरोना महामारी को लेकर पंजाब में धरने प्रदर्शनों के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने को लेकर आम आदमी पार्टी और अकाली दल के नेताओं पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन प्रोटोकॉल तोड़ने वाले कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों पर कोई करवाई नहीं की गई है.

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राज्य में कोरोना के नाम पर दो घोटालों के आरोपों को लेकर सियासी हंगामा लगातार जारी है. विपक्षी पार्टियों अकाली दल और आम आदमी पार्टी (AAP) का आरोप है कि कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने जनता के लिए खरीदी गई सरकारी वैक्सीन को महंगे दामों पर प्राइवेट अस्पतालों को बेचा और कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दी जाने वाली फतेह किट की महंगे दामों में खरीद कर काफी बड़ा घोटाला किया है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू को इस्तीफा दे देना चाहिए.

धरने के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह सख्त
आम आदमी पार्टी ने मंत्री बलबीर सिद्दू के मोहाली फेज 7 स्थित घर के बाहर रविवार को प्रदर्शन किया जबकि सोमवार को अकाली दल की ओर से धरना लगाया गया. लेकिन इन दोनों ही धरनों-प्रदर्शन को लेकर अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सख्त हो गए हैं. उनके निर्देश पर मोहाली के मटौर थाने में दोनों ही पार्टी के नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है.

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मोहाली के मटौर थाना के इंचार्ज मनफूल सिंह ने बताया कि रविवार को फेस 7 में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्दू के घर के बाहर धरना लगाने को लेकर अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल और 7 विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों समेत 200 अकाली दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर (नंबर 131) दर्ज की गई है. 

एफआईआई में अकाली दल के नेताओं पर आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

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वहीं रविवार को आम आदमी पार्टी ने भी स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्दू के घर के बाहर इसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया था. पार्टी के विधायकों अमरजीत सिंह संदोहा, जय कृष्ण रोड़ी समेत अन्य कई विधायकों और नेताओं पर एफआईआर (नंबर 130) मोहाली के मटौर थाने में दर्ज की गई है. आईपीसी की धारा 186, 188, 269 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

अकाली दल FIR से नहीं डरताः प्रवक्ता
वहीं इस पूरे मामले को अकाली दल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार की हताशा करार दिया. पार्टी के प्रवक्ता दलजीत चीमा ने कहा कि अकाली दल इस तरह की FIR से नहीं डरता है और अगर अगले एक हफ्ते में बलबीर सिद्दू के खिलाफ कोई कार्रवाई कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नहीं की तो 15 जून को उनके आवास का घेराव अकाली दल के द्वारा किया जाएगा और जब तक इन घोटालों को लेकर कार्रवाई नहीं होती अकाली दल के धरने-प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेंगे.

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इस मामले पर आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी जरनैल सिंह ने कहा कि पार्टी इस तरह की FIR से नहीं डरने वाली और आने वाले दिनों में भी ऐसे ही पंजाब सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ AAP के धरने-प्रदर्शन जारी रहेंगे. उन्होंने कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों द्वारा हाल ही में कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि सबसे पहले कांग्रेस के मंत्री भी तो अपने आप को देखें वो क्या कर रहे हैं.

पंजाब में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के नाम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए घोटालों को लेकर लगातार सियासी बवाल मचा है और इस सियासी बवाल की वजह से पंजाब सरकार बैकफुट पर है. हालात ये हो गए हैं कि अपने महकमे पर लगे आरोपों पर जवाब देने के लिए स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने भी किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.

 

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