देश की आजादी के लिए कुर्बानी की बात आती है, तो शहीद भगत सिंह का नाम सबसे ऊपर होता है. 23 साल की उम्र में देश पर कुर्बान होने वाले भगत सिंह की सोच आज की युवा पीढ़ी कितना अपना पाई है. इसी को लेकर मशहूर क्रिकेटर हरभजन सिंह ने जालंधर में एक गीत लॉन्च किया, जिसमें उन्होंने भगत सिंह के सपनों का देश बनाने की अपील की है. इसके जरिए भज्जी ने कहा कि भगत सिंह नोटों पर नहीं, युवाओं के चरित्र पर दिखना चाहता है.
शहीद भगत सिंह एक ऐसा नाम जिसको सुनते ही शरीर में जोश की एक लहर सी दौड़ पड़ती है. यह बोल हरभजन सिंह के नए गीत ‘एक सुनेहा भाग-2’ के हैं. हरभजन ने यह गीत जालंधर में लॉन्च किया और युवा पीढ़ी को संदेश देने की कोशिश की है कि जैसा देश भगत सिंह चाहते थे, हमारा देश वैसा नहीं बन रहा है. इस गीत में उन्होंने भगत सिंह को साल में दो-तीन दिन याद करने वाले फैन्स और उन गीतकारों पर कटाक्ष किया, जो भगत सिंह की सोच को छोड़ कर गलत गीत गा रहे हैं.
भज्जी ने कहा की आज हम ये संदेश देना चाहते हैं कि भगत सिंह ने जो कुर्बानी दी है, उससे लोग कुछ सीखें और जो वह चाहते थे, वो करें. उन्होंने पंजाब की युवा पीढ़ी, जो नशे की दलदल में फंस गई है, उससे बाहर निकलने की अपील की है. भज्जी ने इस पंजाबी गीत के जरिए पर्यवारण और प्रदूषित होती नदियों का मसला भी उठाया है.