scorecardresearch
 

अमृतसर: पुलिस ने सुरक्षा के किए पुख्ता इंतजाम, रेलवे ट्रैक के पास नहीं मनेगा दशहरा

2018 में हुए अमृतसर रेल हादसे के पीड़ित परिवारों ने अमृतसर में विरोध मार्च निकाला. पीड़ित परिवारों ने कहा कि एक साल हो चुका है लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है.

Advertisement
X
अमृतसर ट्रेन हादसे का एक साल (फोटो-आईएएनएस)
अमृतसर ट्रेन हादसे का एक साल (फोटो-आईएएनएस)

Advertisement

  • अमृतसर रेल हादसे के पीड़ित परिवारों ने विरोध मार्च निकाला
  • इस साल रेलवे ट्रैक के पास दशहरा का कोई आयोजन नहीं

पंजाब में साल 2018 में दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक पर रेल की पटरियों पर 60 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा का आयोजन हो रहा था और रावण जलाया जा रहा था. इसी दौरान रेलवे ट्रैक पर लोग खड़े हुए थे. लेकिन तभी अचानक ट्रेन आ गई और देखते ही देखते वहां लाशों का ढेर लग गया. हालांकि इस बार पुलिस ने अमृतसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

अमृतसर डीसीपी जगमोहन सिंह ने कहा है कि हमने रेलवे प्राधिकरण को सूचित कर दिया है, हमारे बल वहां तैनात किए गए हैं. अगर लोग रेलवे ट्रैक पर जाते हैं, तो जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) के ड्यूटी ऑफिसर उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं देंगे. जगमोहन सिंह ने बताया कि दशहरे के लिए 10 स्थान हैं. एक एडीसीपी (अतिरिक्त पुलिस आयुक्त) रैंक का अधिकारी प्रत्येक जगह पर तैनात किया गया है. जगहों को दो क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, दो डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) दो क्षेत्रों के प्रभारी हैं.

Advertisement

डीसीपी जगमोहन सिंह ने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने खुद स्थानों का दौरा किया है. इन जगहों पर भीड़ को देखते हुए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. इस साल रेलवे ट्रैक के पास दशहरा का कोई आयोजन नहीं है. वहीं 2018 में हुए अमृतसर रेल हादसे के पीड़ित परिवारों ने अमृतसर में विरोध मार्च निकाला. पीड़ित परिवारों ने कहा कि एक साल हो चुका है लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है. इसलिए हम रेलवे ट्रैक पर बैठकर विरोध करने वाले हैं. हमें पूरे साल कार्यालयों के कई चक्कर लगाने पड़े.

क्या है मामला?

साल 2018 में दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक पर रेल की पटरियों पर सैकड़ों लोग मौजूद थे. अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा का आयोजन हो रहा था और रावण जलाया जा रहा था. इसी दौरान रेलवे ट्रैक पर लोग खड़े हुए थे. लेकिन तभी अचानक ट्रेन आ गई और देखते ही देखते वहां लाशों का ढेर लग गया.

पठानकोट से आ रही डीएमयू ट्रेन उस ट्रैक पर खड़े सभी लोगों को रौंदते हुए चली गई और ट्रैक के इर्द-गिर्द लाशें ही दिखाई दे रही थीं. सामने ही रावण जल रहा था और लोग चीख रहे थे. इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग हादसे में घायल हो गए थे. घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी.

Advertisement
Advertisement