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दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी गैस चैंबर में तब्दील होती जा रही है. यहां की जहरीली हवा में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पास पहुंच चुका है. इसका मुख्य कारण खेतों में जल रही पराली को बताया जा रहा है. पंजाब के खेतों में जल रही पराली का धुआं राजधानी की हवा को लगातार बीमार करता जा रहा है. इस सीजन में पंजाब में पराली जलाने के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. एक ही दिन में पराली जलाने के मामले में भारी वृद्धि दर्ज की गई है. बुधवार 2 नवंबर को पंजाब में पराली जलाने के 3634 मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक के कुल आंकड़ों की बात करें तो 15 सितंबर से अभी तक पंजाब में पराली जलाने के 21480 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि इसी अवधि में पड़ोसी राज्य हरियाणा में ये आंकड़ा 2249 है.
भगवंत मान सरकार आग लगाने के मामलों की रोकथाम के लिए अब सख्ती भी बरत रही है. इस क्रम में सरकार किसानों पर जुर्माना ठोक रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के क्षेत्र संगरूर में ही 201 किसानों के ऊपर जुर्माना लगाने के साथ ही इन किसानों की जमीन के ऊपर रेड एंट्री की गई है. जहां किसान किसान पराली को आग लगाना अपनी मजबूरी बता रहे हैं तो वहीं प्रशासन दावा कर रहा है कि जरूरत के अनुसार किसानों को सुपर सीडर मशीनें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं.
5 लाख से अधिक का जुर्माना
संगरूर में ही अभी तक पराली जलाने के 2055 मामले सैटेलाइट इमेज में सामने आए हैं. जिनमें से 700 से ज्यादा लोकेशन पर जाकर अधिकारियों ने दौरा किया. जहां 201 लोकेशन में आग लगी हुई पाई गई. जिसको लेकर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से ₹5लाख 2 हजार 500 जुर्माना किया गया है. वहीं रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से 201 किसान की जमीन के रिकॉर्ड पर रेड एंट्री भी की गई.
किसानों को जागरूक किया जा रहा है
संगरूर कृषि विभाग के अधिकारी डॉ अमरजीत सिंह ने बताया कि मंगलवार तक संगरूर में 2055 ऐसी लोकेशन सैटेलाइट के जरिए ट्रेस हुई हैं, जिनमें आग लगने की लोकेशन मिली है. अभी तक जिनमें से 700 से ज्यादा खेतों में जाकर देखा गया है और वहां सिर्फ 201 जगह पर ही आग लगी हुई पाई गई. जिसको लेकर 201 किसानों पर जुर्माना लगाया गया है. जो 2000 से ज्यादा मामले सैटेलाइट के जरिए ट्रेस होते हैं, उनमें से कई में कुछ और कारण रहता है. जिन खेतों में पराली में आग लगी पाई जाती है, वहां पर एक्शन लिया जा रहा है. कृषि विभाग की ओर से पराली के निस्तारण के लिए बड़े स्तर पर मशीनें दी जा रही हैं और गांव में कैंप लगाकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है.
बायोगैस प्लांट के आसपास भी जल रही पराली
बता दें कि संगरूर के लहरागागा के भूटाल कला गांव में हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने बायोगैस प्लांट का उद्घाटन किया था. मुख्यमंत्री का दावा था कि जहां यह प्लांट लगा है, उसके 30 किलोमीटर की एरिया के खेतों में से पराली को लाकर यहां बायोगैस तैयार की जाएगी. लेकिन अब इसके आसपास भी पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. उधर, प्रशासन किसानों को पराली के निस्तारण के लिए सुपर सीडिंग मशीने मुहैया कराने की बात कह रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि महंगी मशीनरी से छोटा किसान कैसे निस्तारण कर सकेगा. जिसके चलते मजबूरी में उन्हें पराली को खेतों में ही जलाना पड़ता है.