दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मुफ्त बिजली के बहाने पंजाब की राजनीति में बड़ा उलटफेर करने की कोशिश में आए थे लेकिन उल्टे ही वो ऐसे सवालों के जाल में फंस गए कि उनका मुफ्त बिजली का पैंतरा धरा का धरा रह गया.
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार 2022 विधानसभा चुनाव में बनती है तो पहले ही आदेश में पंजाब के तमाम लोगों को 300 यूनिट प्रति परिवार मुफ्त बिजली दी जाएगी. साथ ही 24 घंटे तक बिजली की मुफ्त सप्लाई भी पंजाब के लोगों को दी जाएगी. सीएम केजरीवाल ने यह भी ऐलान किया था कि ऐसे लोग जिनके पुराने बिजली के बिलों में कोई गड़बड़ थी या फिर अधिक बिल आने की वजह से वो लोग पैसे जमा नहीं करवा पाए उनके भी सभी बिल पूरी तरह से माफ किए जाएंगे और उनके बिजली कनेक्शन दोबारा से शुरू किए जाएंगे.
लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल पर फंस गए, जब उनसे पूछा गया कि पंजाब में पहले ही कई कैटिगरी के परिवारों को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त में दी जा रही है और उससे ऊपर अगर बिजली का बिल आता है तब भी ये 200 यूनिट उनसे चार्ज नहीं किए जाते तो क्या ऐसा ही सिस्टम पंजाब में बना रहेगा या फिर दिल्ली की तरह का सिस्टम रहेगा. जहां पर 200 यूनिट से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने पर पूरा ही बिजली का बिल भरना पड़ता है या फिर पंजाब की तरह जहां पर लिमिट से ज्यादा बढ़ने पर उतना ही बिल देना पड़ेगा जितना लिमिट के बाद आप इस्तेमाल कर रहे हैं.
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इस पर अरविंद केजरीवाल ने पहले गोलमोल जवाब दिया लेकिन उसके बाद उन्होंने कहा कि दिल्ली की तरह ही सिस्टम होगा और अगर कोई 300 यूनिट से ज्यादा एक यूनिट भी इस्तेमाल करेगा तो उसे पूरा बिल वैसे ही देना पड़ेगा जैसे दिल्ली के लोग देते हैं. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी के ऐलान से पंजाब के 77 से 80 फीसदी जनता को फायदा मिलेगा.
पंजाब में दी जा रही सब्सिडी के आंकड़े
अगर पहले से ही पंजाब में दिए जा रहे सब्सिडी के आंकड़ों पर नजर डालें तो पंजाब में हर साल एग्रीकल्चर सब्सिडी के लिए किसानों पर 6735 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्चे जाते हैं और उन्हें मुफ्त बिजली दी जाती है. एससी-एसटी परिवारों को हर साल करीब 1339 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी दी जाती है. गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को हर साल करीब 75 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है. बैकवर्ड क्लास से जुड़े परिवारों को करीब 212 करोड़ रुपए की सब्सिडी सालाना दी जाती है. ऐसे लोग जिन्होंने स्मॉल पावर कनेक्शन ले रखे हैं और जिनकी बिजली की खपत बहुत कम है. उन्हें करीब 141 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती है. फ्रीडम फाइटर कोटे में करीब 400000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है. मीडियम सप्लाई कंज्यूमर्स को करीब 196 करोड़ की सब्सिडी दी जाती है. एलएस सप्लाई कंज्यूमर्स को हर साल करीब 1928 करोड़ रुपए का की बिजली सब्सिडी दी जाती है. और ये पूरा आंकड़ा सालाना करीब 10668 करोड़ रुपए के लगभग है.
राजनीतिक पार्टियों ने साधा निशाना
पंजाब सरकार और अकाली दल का दावा है कि दिल्ली में जब से अरविंद केजरीवाल आए हैं तब से अब तक सिर्फ 7000 करोड़ की ही बिजली सब्सिडी अब तक दी गई है. वहीं, अकाली दल के छात्र संगठन स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया ने चंडीगढ़ स्थित यूटी गेस्ट हाउस के बाहर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा कि अरविंद केजरीवाल ठीक उसी तरह से झूठे वादे पंजाब की जनता से करने में लगे हैं जैसा कि 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किए थे और फिर झूठ के दम पर अपनी सरकार बना ली. इन छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया का कहना है कि इस पूरे मामले पर अकाली दल ने भी कई आंकड़े प्रेस कांफ्रेंस करके जारी किए है और अरविंद केजरीवाल को पहले याद दिलाया कि वो दिल्ली के व्यापारियों, किसानों और इंडस्ट्री को सस्ती बिजली दे दें. उसके बाद वो पंजाब के लोगों की बात करें. इस पूरे मामले में सत्ताधारी कांग्रेस भी पीछे नहीं रही पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीरेंद्र ढिल्लों ने अरविंद केजरीवाल से 10 सवाल पूछ डालें और दिल्ली में करोना के हालात से लेकर मुफ्त बिजली और शिक्षा जैसे दावों पर भी सवाल खड़े कर दिए.
आम आदमी पार्टी ने दी सफाई
इस मामले पर घिरता देख आप ने स्पष्टीकरण जारी किया है. आप की तरफ से कहा गया है कि पंजाब में पहले से दी जा रही सभी बिजली योजनाएं जारी रहेंगी, बल्कि इसके साथ साथ पंजाब वासियों को 300 यूनिट मुफ्त मिलेगी. मंगलवार को अरविंद केजरीवाल ने 2022 में आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनने पर सूबे के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई और हर महीने 300 यूनिट मुफ़्त बिजली देने का ऐलान किया.
उन्होंने कहा कि पंजाब के मौजूदा उपभोक्ताओं जैसे एस.सी, बी.सी, बीपीएल परिवार और स्वत्रंता सेनानी आदि को हर महीने 200 यूनिट बिजली मुफ़्त की सुविधा मिल रही है, इन सभी उपभोक्ताओं को अब 300 यूनिट बिजली मुफ़्त मिलेगी, केवल 300 यूनिट से ज़्यादा का ही बिल लिया जायेगा. इस तरह अगर कोई उपभोक्ता एक महीनों में 350 यूनिट का प्रयोग करता है तो उससे केवल फालतू 50 यूनिटों का ही बिल वसूल किया जाएगा. उपभोक्ताओं के लिए पहली 300 यूनिट पूरी तरह मुफ्त हैं. जबकि अन्य उपभोक्ताओं जिनको मौजूदा समय में कोई बिजली माफी का लाभ नहीं मिलता उनको भी प्रति माह 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी, परन्तु अगर इस श्रेणी का उपभोक्ता प्रति महीने 300 यूनिट से ज़्यादा बिजली का प्रयोग करता है तो उससे पूरी खपत का बिल भाव 350 यूनिट की रक़म वसूली जायेगी.