पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने करीब दो साल पहले पंजाब के बठिंडा में राज्य में हुए विकास के बारे में बोलते हुए ऐलान किया था कि अब वो दिन दूर नहीं जब पंजाब में पानी पर बसें चलेंगी जैसा कि विदेशों में होता है. तब विरोधियों ने डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के इस बयान को मजाक में लिया और कहा कि सुखबीर हवा में बातें कर रहे हैं और ऐसा कुछ नहीं होने वाला.
जब सोशल मीडिया पर बनाया गया बादल का मजाक
सुखबीर सिंह बादल ने जनवरी 2015 की रैली में कहा था कि पंजाब में पानी पर वैसे ही बसें चलेंगी जैसे कि विदेशों में चलती हैं और ऐसा करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य होगा. सुखबीर बादल के इस ऐलान के साथ ही विपक्ष के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी उनकी खिल्ली उड़ाई गई और फेसबुक व ट्विटर जैसी सोशल साइटों पर उन्हें बहुत ट्रॉल किया गया.
इसके बाद से सुखबीर बादल का यह दावा कि पंजाब में पानी पर बसें चलेगी, उनके लिए गले की फांस और साख का सवाल बन गया. करीब 2 साल बाद सुखबीर बादल ने अपने इस वादे को पूरा करके अपने विरोधियों को जवाब देने की कोशिश की है और पंजाब में एम्फीबियस बस यानी सड़क और पानी दोनों पर चलने वाली बसों की शुरुआत पंजाब सरकार की तरफ से कर दी गई.
पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर के हरिकेपत्तन की झील पर इन बसों को हरी झंडी दिखाकर इस सर्विस को जनता के लिए शुरू किया. पंजाब सरकार ने सोमवार से ये पानी में चलने वाली बसें पानी में उतार दी है. हरीकेपत्तन झील पर इस बस को पानी में उतारने के लिए करोड़ों की लागत से एक खास ट्रैक भी बनाया गया है.
जमीन और पानी दोनों पर चल सकती है ये बस
विशेष तौर पर पानी पर ही चलने वाली इन बसों को एम्फीबियस बसें कहा जाता है. अमेरिकन कंपनी ने थाइलैंड में बस के पुर्जे बनाए और गोवा में एसेंबल किया. ये बस जमीन पर चलने के साथ ही पानी में भी उतर सकती है और किसी छोटी किश्ती या क्रूज की ही तरह पानी पर चल सकती हैं.
दो करोड़ की ये बस सड़क पर दौड़ने के साथ पानी पर भी तैरेगी. फिलहाल इस बस को अमृतसर से हरीकेपत्तन नाम के टूरिस्ट स्थल तक चलाया जाएगा. हरीकेरत्तन अमृतसर के नजदीक एक टूरिस्ट स्थल है, जहां पर एक झील है जिसके पानी पर इस बस को चलाने की तैयारी है.
प्रोजेक्ट पर खर्च हुए कुल 10 करोड़ रुपये
दो करोड़ बस पर और आठ करोड़ हरीकेपत्तन पर इस बस के लिए ट्रैक बनाने और इस बस प्रोजेक्ट के अन्य खर्चों पर यानी कुल मिलाकर दस करोड़ पंजाब सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर खर्च किये हैं. अमृतसर रेलवे स्टेशन से 45 किलोमीटर दूर हरीकेपत्तन आने और सैर करने के लिए इस बस का किराया 2000 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है. जबकि सिर्फ हरीकेपत्तन में झील की सैर करने के लिये 800 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च करने होंगे.
पानी पर बसें चलाने वाला पंजाब पहला राज्य नहीं
सुखबीर बादल का दावा था कि पानी पर बसें चलाने वाला पंजाब देश का पहला राज्य होगा, लेकिन पंजाब से पहले ये बसें केरल और गोवा में चल चुकी हैं, लेकिन फिर भी पंजाब सरकार के इस प्रोजेक्ट को चुनाव से पहले शुरू करने से सुखबीर बादल को उम्मीद है कि इसका उन्हें चुनावों में बहुत ही फायदा मिलेगा.