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Punjab: पूर्व CM चन्नी के भतीजे पर कसा शिकंजा, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने दाखिल की चार्जशीट

भूपिंदर सिंह हनी पर फर्जी कंपनियां बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग करने और बालू के अवैध खनन में शामिल होने का आरोप है. ईडी ने खुलासा किया था कि भूपिंदर सिंह हनी, कुदरतदीप सिंह और संदीप कुमार प्रोवाइडर्स ओवरसीज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे. फर्जीवाड़े के लिए इस कंपनी का इस्तेमाल करने का आरोप है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके भतीजे भूपिंदर सिंह हनी। (फोटो: ANI)
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके भतीजे भूपिंदर सिंह हनी। (फोटो: ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ED ने जालंधर हाईकोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
  • इस मामले में 4 फरवरी को हुई थी भूपिंदर की गिरफ्तारी

अवैध बालू खनन केस में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के भतीजे के खिलाफ शिकंजा कसता जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी के खिलाफ जालंधर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. भूपिंदर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी. 

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इससे पहले भूपिंदर को पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले 4 फरवरी को ED ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी देर रात की गई थी. तब भूपिंदर से 8 घंटे तक पूछताछ की गई थी. गिरफ्तारी से 4 हफ्ते पहले ईडी ने भूपिंदर के घर पर छापेमारी की थी. हनी के दो सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापे पड़े थे. छापेमारी में हनी के घर से करीब 7.9 करोड़ रुपये कैश मिला था. वहीं हनी के सहयोगी संदीप कुमार के ठिकाने से 2 करोड़ रुपये मिले थे.

चन्नी के भतीजे के खिलाफ क्या हैं आरोप

भूपिंदर सिंह हनी और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी कंपनियां बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग की. उनपर बालू के अवैध खनन में भी शामिल होने का आरोप है. ईडी ने खुलासा किया था कि भूपिंदर सिंह हनी, कुदरतदीप सिंह और संदीप कुमार प्रोवाइडर्स ओवरसीज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे. इस कंपनी को साल 2018 में बनाया गया था. यह काम कुदरतदीप सिंह के खिलाफ अवैध खनन मामले में FIR दर्ज होने के छह महीने बाद किया गया था. ईडी ने शहीद भगत सिंह नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 379, 420, 465, 467, 468 और 471 के तहत प्राथमिकी और अलावा खान और खनिज (विकास का विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21(1) और 4(1) के तहत दर्ज FIR पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी.

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