प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को जगदीश सिंह उर्फ भोला ड्रग्स केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत पंजाब में कई स्थानों पर तलाशी ली. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रूपनगर जिले में कुल 13 परिसरों की तलाशी ली गई. यह पाया गया कि जिस जमीन को पहले ईडी ने भोला मामले में कुर्क किया था, उस पर 'अवैध' खनन किया जा रहा था. इस कथित अवैध खनन मामले में कुछ आरोपियों में नसीबचंद और श्री राम क्रशर भी शामिल हैं.
ईडी अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के दौरान अब तक करीब 3.5 करोड़ रुपये नकद जब्त किये गये हैं. यह ड्रग्स मनी लॉन्ड्रिंग केस करोड़ों रुपये के सिंथेटिक नारकोटिक्स रैकेट से संबंधित है, जिसका 2013-14 के दौरान पंजाब में खुलासा हुआ था. इस मामले में पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने केस दर्ज किया था, जिसे आमतौर पर भोला ड्रग्स केस के रूप में जाना जाता है.
पहलवान से पुलिसकर्मी बने ड्रग माफिया जगदीश सिंह उर्फ भोला इस केस का मुख्य आरोपी है. भोला को ईडी ने जनवरी 2014 में गिरफ्तार किया था. वर्तमान में पंजाब के पीएमएलए कोर्ट में इस केस का ट्रायल चल रहा है. जगदीश भोला को भारतीय कुश्ती का 'किंग कांग' कहा जाता था और उसे प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. भोला ने दिल्ली में 1991 में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.
भोला ने पंजाबी भाषा की फिल्म, रुस्तम-ए-हिंद में भी भूमिका निभाई, जो 2008 में रिलीज हुई थी. निलंबित किए जाने से पहले भोला ने कुछ समय के लिए पंजाब पुलिस में डीएसपी के रूप में कार्य किया. मुंबई पुलिस ने 2008 में जगदीश सिंह उर्फ भोला को ड्रग तस्करी के आरोप में पकड़ा था. इसके बाद सरकार ने उसका अर्जुन पुरस्कार छीन लिया और पंजाब पुलिस ने डीएसपी पद से निलंबित कर दिया.
आरोप है कि भोला ने 2008 के मामले में पकड़े जाने के बाद अपने मादक पदार्थों की तस्करी के व्यवसाय को फिर से शुरू किया और बहुत अधिक धन कमाया. उसके पास दो आलीशान बंगले, महंगी कारें और एक चीनी मिल थी. उसे 2015 में पंजाब पुलिस ने बॉक्सर राम सिंह के साथ 700 करोड़ रुपये के सिंथेटिक ड्रग कार्टेल में कथित भागीदारी के लिए फिर से गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, भोला को अपने घर से ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग का अवैध कारोबार चलाने के लिए भी दोषी ठहराया गया था. पंजाब पुलिस के मुताबिक वह राज्य स्थित ड्रग रैकेट का मुखिया है.