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शहीद उधम सिंह की पिस्टल और डायरी को इंग्लैंड से वापस लाने की कोशिश करेगी पंजाब सरकार: अमरिंदर सिंह

अमरिंदर सिंह ने कहा, अग्रेजों के समय में जिन लोगों को काले पानी की सजा सुनाई गई थी और जिन लोगों का नाम तक लोगों को नहीं पता, उनकी लिस्ट निकालकर पंजाब में उनका स्मारक बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, मैंने खुद काले पानी की जेल में जाकर देखा है कि कितने ही ऐसे गुमनाम नायक थे, जिनको कोई जानता तक नहीं, वे अंग्रेजों के समय शहीद हो गए.

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कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)
कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उधम सिंह ने इसी पिस्टल से मारी थी जनरल डायर को गोली
  • गुमनाम नायक के लिए स्मारक बनाएगी पंजाब सरकार

देशभर में शनिवार को उधम सिंह का 84वां शहीदी दिवस मनाया गया. इस मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, उनकी सरकार शहीद उधम सिंह की पिस्टल, उनकी डायरी और उनसे जुड़ा सभी सामान लाने का प्रयास करेगी. उधम सिंह ने इसी पिस्टल से जनरल ओ डायर को गोली मारी थी. 

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अमरिंदर सिंह ने कहा, अग्रेजों के समय में जिन लोगों को काले पानी की सजा सुनाई गई थी और जिन लोगों का नाम तक लोगों को नहीं पता, उनकी लिस्ट निकालकर पंजाब में उनका स्मारक बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, मैंने खुद काले पानी की जेल में जाकर देखा है कि कितने ही ऐसे गुमनाम नायक थे, जिनको कोई जानता तक नहीं, वे अंग्रेजों के समय शहीद हो गए. 

भारत सरकार के सामने उठाएंगे मुद्दा

शहीद उधम सिंह से जुड़ीं सभी फाइलों और डॉक्यूमेंट को लाने के लिए इंग्लैंड की सरकार के संपर्क कर रहे हैं. इसके अलावा ब्रिटेन में मिली शहीद उधम सिंह की पिस्टल और डायरी वापस लाने के लिए इस मुद्दे को पंजाब सरकार केंद्र के सामने भी उठाएगी. 

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, राज्य इस मामले में जल्द ही शहीद उधम सिंह की पिस्टल और डायरी वापस लाने के लिए ब्रिटेन से बात करेगी. साथ ही इस मुद्दे को केंद्रीय विदेश मंत्रालय के समक्ष भी उठाया जाएगा. 

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विश्वस्तरीय स्मारक बनाएगी पंजाब सरकार

अमरिंदर सिंह ने कहा, सरकार शहीद उधम सिंह की पिस्टल और डायरी वापस लेने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा, भारत सरकार को यह मामला ब्रिटिश उच्चायोग के सामने उठाना चाहिए ताकि शहीद उधम सिंह से जुड़ीं इन चीजों को वापस लाया जा सके. कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि महान शहीद की जमा राशि विदेश से वापस लाने के बाद इसे आम जनता के लिए संग्रहालय में रखा जाएगा. सरकार इसे विश्वस्तरीय ऐतिहासिक स्मारक बनाना चाहती है. 


 

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