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लाल किले पर झंडा फहराने के बाद से गायब है जुगलराज और परिवार

जुगराज सिंह लाल किले पर पहुंचने वाले किसान आंदोलनकारियों में शामिल था. उसने कथित तौर पर लाल किले की प्राचीर पर चढ़कर अलगाववादी संगठन का झंडा फहराया था. 

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झंडा फहराने के बाद से ही गायब है युवक (फाइल फोटो)
झंडा फहराने के बाद से ही गायब है युवक (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गायब है जुगराज सिंह का परिवार
  • दादा-दादी ने माना झंडा फहराने वाला जुगराज
  • साथ ही अलगाववादी संगठन से संबंध होने से किया इनकार

दिल्ली में 26 जनवरी को किसान परेड के दौरान लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने वाले युवक जुगराज सिंह का परिवार गायब है. दिल्ली पुलिस ने जुगराज सिंह पर दंगे और देशद्रोह का मामला दर्ज किया है. हालांकि तरन तारन पुलिस ने 26 जनवरी को रात 10 बजे के करीब जुगराज के कथित तौर पर खालिस्तानी संगठन से संबंध को लेकर परिवार से पूछताछ की थी.

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दरअसल जुगराज सिंह लाल किले पर पहुंचने वाले किसान आंदोलनकारियों में शामिल था. उसने कथित तौर पर लाल किले की प्राचीर पर चढ़कर अलगाववादी संगठन का झंडा फहराया था. 

जुगराज सिंह के दादा, दादी, पिता, माता और तीन बहनें सभी दिल्ली पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए गायब हैं. हालांकि इससे पहले जुगराज के दादा-दादी ने पूछताछ के दौरान माना था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाला शख्स उसका पोता जुगराज ही था. लेकिन उन्होंने अलगाववादी संगठन से किसी तरह के संबंध होने से साफ इंकार किया था.  

जुगराज सिंह के दादा ने इस प्रकरण को लेकर कहा, 'जुगराज ने जो कुछ भी किया वो जोश में किया है. वो धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने वाला लड़का रहा है. गांव के आधे दर्जन गुरुद्वारों में वो वॉलंटियर के तौर पर काम करता रहा है. जब भी किसी तरह के कोई धार्मिक अनुष्ठान होते हैं तो उसे जरूर बुलाया जाता है. खासकर गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला साहिब चढ़ाने की सेवा करता था.

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आजतक से बात करते हुए स्थानीय नागरिकों ने कहा कि जुगराज, अन्य ग्रामीणों के साथ 24 जनवरी को दो ट्रैक्टरों पर बैठकर नई दिल्ली के लिए रवाना हुआ था. उन्होंने जब जुगराज को लाल किले पर झंडा फहराते दिखे तो वे लोग भी अचंभित हो गए. जुगराज सिंह तरन तारन जिले के वान तारा सिंह गांव का रहने वाला है और इस घटना के बाद से गायब है. 

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परिवार के पास दो एकड़ जमीन है. इसके अलावा उनके पास एक ट्रैक्टर है जो कई वर्षों से खराब पड़ा है. परिवार पर चार लाख का कर्ज भी है. जुगराज ने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. ढाई साल पहले वह नौकरी के लिए चेन्नई गया था. हालांकि छह महीने के अंदर ही वह वापस तरन तारन लौट गया और खेतों में काम करने लगा.

हालांकि परिवार वालों ने जुगराज के खालिस्तानी संगठन से संबंध होने की बात से इनकार किया है. ऐसे में सुरक्षाकर्मी यह जानना चाहते हैं कि कहीं उस युवक ने इनाम के लालच में तो ऐसा नहीं कर दिया था. 

दरअसल अलगाववादी खालिस्तानी समूह, सिख फॉर जस्टिस ने 11 जनवरी को ऐलान किया था कि लालकिला पर झंडा फहराने वाले शख्स को 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे. 26 जनवरी को इनामी राशि बढ़ाकर साढ़े तीन लाख डॉलर कर दी गई थी.  

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जुगराज के अलावा होशियारपुर निवासी बाघेल सिंह ने भी लाल किले के एक गुंबद पर झंडा फहराने का दावा किया था. हालांकि किसी भी एफआईआर में उसका नाम दर्ज नहीं किया गया है. लेकिन वो भी घटना के बाद से गायब है. जिससे कि वो पुलिस पूछताछ से बचा रहे.

 

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