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दिल्ली में दूध की सप्लाई बंद करने की सोशल मीडिया पर उठ रही अफवाहों के चलते भारतीय किसान यूनियन उग्राहा के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने अपना बयान जारी किया है. जोगिंदर सिंह ने अपने बयान में कहा कि किसान संगठनों की ऐसी कोई योजना नहीं है कि हम दिल्ली के लोगों का दूध बंद करेंगे या फिर उसको महंगे रेट पर बेचेंगे.
उन्होंने कहा, "शहर में रहने वाले लोग भी हमारे भाई-बहन हैं. हम उनके लिए कोई ऐसा फैसला नहीं ले सकते हैं. हां, हमने इतनी बात जरूर उठाई है कि जो दूध पैदावार को बढ़ावा देने के लिए फीड और दूसरा सामान कारपोरेट घराने बेच रहे हैं उसको कम दाम पर बेचा जाए. ताकि आगे जाकर हमें दूध भी कम कीमत पर बेचकर ज्यादा मुनाफा हो."
जोगिंदर सिंह ने कहा कि "हम ऐसी खेती और मॉडल बनाना चाहते हैं ताकि हम अनाज और दालें उगाई और उसकी पैदावार के लिए इस्तेमाल होने वाले बीज, दवाएं खाद सस्ते दाम पर मिलें, तो हमें कम खर्चे में भी मुनाफा हो और लोगों को भी सस्ता समान मिले. अगर कारपोरेट के मुनाफे में कमी की जाए तो चीजें सस्ती हो जाएं. हमारी तो यही मांग है. हमारी ऐसी कोई रणनीति नहीं कि अपने समान के दाम बढ़ाकर शहरी लोगों को परेशान करें."
उन्होंने कहा कि "हम भी चाहते हैं कि देश के लोग कम दाम पर अनाज, दालें और दूध खरीदें और दूसरी ओर उसको पैदा करने वाले किसानों को भी ज्यादा मुनाफा हो. लेकिन जो सोशल मीडिया पर चल रहा है उसके साथ हमारा कोई लेना-देना नहीं है."
संयुक्त किसान मोर्चा ने भी किया इनकार
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने भी बयान जारी कर कहा कि उनकी तरफ से दूध न बेचने या 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से इसकी कीमत बढ़ाने का कोई आह्वान नहीं किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उनके नाम पर सोशल मीडिया पर गलत वीडियो, मैसेज वायरल हो रहा हैं, जिसमें दूध का दाम बढ़ाने की बात कही गई है.
ये है वायरल मैसेज
सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि जब पेट्रोल के दाम 100 रुपये लीटर पहुंच सकते हैं, तो दूध के दाम 100 रुपये लीटर क्यों नहीं हो सकता? मैसेज में दावा किया गया था कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने दूध के दाम को बढ़ाने का फैसला किया है, लेकिन किसान संगठनों ने इस वायरल मैसेज को अफवाह करार दिया है.