Farmers Protest: कृषि कानूनों के आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को कृषि ऋण पूरी तरह से माफ करने और मुआवजे की मांग करते हुए किसानों ने बुधवार को तीसरे दिन पंजाब में विभिन्न स्थानों पर रेलवे ट्रैक को जाम किया, जिससे 150 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुईं.
फिरोजपुर मंडल के रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 84 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 47 शॉर्ट टर्मिनेट और 25 शॉर्ट-ऑरिजिनल ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने आंदोलन की शुरुआत करते हुए पूर्ण कर्जमाफी, साल भर से चले आ रहे कृषि विरोधी कानूनों के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा देने और उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की मांग की.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि वे मांगें पूरी होने तक धरना खत्म नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ''28 सितंबर को एक बैठक के दौरान, हमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा आश्वासन दिया गया था, लेकिन राज्य सरकार बाद में पीछे हट गई. चार स्थानों पर जहां किसान धरने पर बैठे हैं, इसके अलावा, हम तीन और साइटों पर विरोध शुरू करेंगे.'' किसान इस समय फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर और होशियारपुर में अलग-अलग जगहों पर रेलवे ट्रैक पर बैठ कर धरना दे रहे हैं, जिसकी वजह से कई ट्रेनों पर असर पड़ा है.
इस बीच, किसानों के एक समूह ने लुधियाना में उपायुक्त (डीसी) के दफ्तर के बाहर धरना दिया. प्रदर्शनकारी किसानों ने डीसी वरिंदर कुमार शर्मा और उनके कर्मचारियों को दोपहर के भोजन के लिए बाहर नहीं जाने दिया. डीसी आखिरकार शाम करीब साढ़े पांच बजे सुरक्षा घेरे में अपने कार्यालय से निकले.
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के नेता परमजीत सिंह घ्लोटी ने कहा, ''मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा न करने के खिलाफ हम आंदोलन कर रहे हैं. सरकार किसानों को बेवकूफ बना रही है." उन्होंने कहा कि धरना आगे भी जारी रहेगा.