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Farmers Protest: चंडीगढ़ के सभी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग... नाराज किसान सड़कों पर बैठे, अमृतसर में गिरफ्तारी के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन

संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार से एक सप्ताह तक चलने वाले धरने का ऐलान किया है. इस बीच, पुलिस ने पंजाब के कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया है. वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आंदोलनकारी किसान यूनियनों को चेतावनी दी है. मान ने कहा, पंजाब को धरने वाले राज्य में बदल दिया गया है और इससे भारी नुकसान पहुंचा है. मान ने कहा कि हमने किसान संगठनों से स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें इस धारणा में नहीं रहना चाहिए कि वो कार्रवाई नहीं कर सकते.

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पंजाब में किसान आंदोलन कर रहे हैं.
पंजाब में किसान आंदोलन कर रहे हैं.

चंडीगढ़ में आज किसानों का मार्च प्रस्तावित है और पंजाब सरकार ने भीड़ को एकत्रित होने से रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. बुधवार सुबह पंजाब से चंडीगढ़ आ रहे किसानों के जत्थों को रोका जाने लगा है. पुलिस ने अलग-अलग नाके पॉइंट बनाए हैं. यहां किसानों को रोका जा रहा है. हालांकि, कई जगहों पर किसान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. इससे पहले पंजाब सरकार ने कहा था कि आंदोलन की अनुमति नहीं है.

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चंडीगढ़ प्रशासन ने किसानों को शहर के सेक्टर 34 में धरना देने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. फिलहाल, चंडीगढ़ की सभी सीमाओं बैरिकेडिंग की गई है. भारी पुलिसबल तैनात है. नाराज किसान सड़कों पर ही धरने पर बैठ गए हैं. किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में अमृतसर में जबरदस्त प्रदर्शन किया गया है.

Punjab Farmer Protest Live Update

- चंडीगढ़ कूच के लिए पंजाब के अलग-अलग जिलों से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ किसान रवाना हो रहे हैं. किसानों को पंजाब पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया है, जिसके बाद कई जगह पर किसान सड़कों पर ही धरना लगाकर बैठ गए हैं. (इनपुट- कमलजीत संधू)

संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसानों का कहना है कि हमें चंडीगढ़ नहीं जाने दिया जा रहा है. धरने के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पॉइंट पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संयुक्त किसान मोर्चा में 30 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं. संगठन ने कहा, बुधवार सुबह ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य वाहनों में चंडीगढ़ के लिए निकले किसानों को पंजाब पुलिस द्वारा रोका जा रहा है.

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- क्रांतिकारी किसान यूनियन जिला मोगा के अध्यक्ष जतिंदर सिंह ने कहा, जब वे चंडीगढ़ जा रहे थे तो पंजाब पुलिस ने उन्हें मोगा जिले के अजीतवाल में रोक दिया. कुछ किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. किसानों ने चंडीगढ़ जाने की इजाजत नहीं देने पर भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. समराला में भी किसानों को पुलिस ने चंडीगढ़ जाने से रोक दिया.

किसानों ने एक हफ्ते तक धरने का किया है ऐलान

किसान संगठनों ने अगले एक हफ्ते तक चंडीगढ़ में धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है. इस बीच, पंजाब की भगवंत मान सरकार अलर्ट हो गई है और किसान नेताओं पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है. कई किसान नेता पुलिस हिरासत में हैं या नजरबंद रखे गए हैं. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है. इधर, चंडीगढ़ पुलिस ने आंदोलन को देखते हुए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है.

दरअसल, किसानों ने ऐलान किया है कि वो 5 मार्च से चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन करेंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के साथ बैठक की. हालांकि, ये बैठक बेनतीजा निकली और किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे. उसके बाद सीएम मान अचानक बैठक छोड़कर चले गए. इस बीच, पुलिस सख्त हुई और चंडीगढ़ से पंजाब तक ताबड़तोड़ एक्शन देखे गए. किसान नेता दलजिंदर गिरफ्तार हो गए हैं. कुलवंत सिंह को नजरबंद रखा गया. 

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'हम आज पुतले जलाएंगे'

किसान नेता सरवन पंढेर ने कहा, हम एसकेएम के किसान नेताओं पर मान सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हैं. इसलिए हम बुधवार को पूरे पंजाब में मान सरकार के पुतले जलाएंगे और किसान नेताओं की रिहाई की मांग करेंगे. भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, सरकार ऐसे कदमों से किसानों की आवाज नहीं दबा सकती. 

'मोर्चा लगाना था तो मीटिंग क्यों की?'

किसानों पर कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा और कहा, भगवंत मान को बर्खास्त किया जाना चाहिए. वो शासन करने के योग्य नहीं हैं. वहीं, किसानों के धरना से पहले पुलिस के एक्शन पर सीएम भगवंत मान ने भी बयान दिया और दो टूक कहा, अगर मोर्चा ही लगाना था तो मीटिंग क्यों की. धरने की इजाजत नहीं है.

चंडीगढ़ पुलिस ने एडवाइजरी जारी की

इधर, चंडीगढ़ पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें कहा गया कि सुचारू यातायात और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को कुछ सड़कों पर यातायात की आवाजाही को नियंत्रित किया जा सकता है. जहां यातायात नियम लागू किए जा सकते हैं, उनमें जीरकपुर बैरियर, फैदान बैरियर, सेक्टर 48/49 की डिवाइडिंग रोड, सेक्टर 49/50, सेक्टर 50/51 (जेल रोड), सेक्टर 51/52 (मत्तौर बैरियर), सेक्टर 52/53 (काझेरी चौक), सेक्टर 53/54 (फर्नीचर मार्केट), सेक्टर 54/55 (बधेरी बैरियर), सेक्टर 55/56 (पलसोरा बैरियर), नया गांव बैरियर और मुल्लांपुर बैरियर शामिल हैं.  लोगों को किसी भी भीड़भाड़ या असुविधा से बचने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है. 

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SKM ने बताया तानाशाही कदम

फिलहाल, संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. एक बयान में एसकेएम ने शांतिपूर्ण विरोध के लिए किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने का आरोप लगाया और भगवंत मान सरकार की कार्रवाई को तानाशाही कदम करार दिया. एसकेएम ने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 5 मार्च से चंडीगढ़ में एक सप्ताह के धरने का आह्वान किया है.

एसकेएम ने आरोप लगाया कि किसान नेताओं को दबाने और धमकाने के लिए आधी रात को घरों में पुलिस तैनात करने का अपमानजनक रास्ता अपनाना राजनीतिक रूप से गलत और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान संगठन ने सीएम से सभी किसान नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की.

किन नेताओं को हिरासत में लेने का दावा

एसकेएम ने कहा, पंजाब पुलिस ने पंजाब भर में विभिन्न किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी की और बलबीर सिंह राजेवाल, रुलदू सिंह मनसा, गुरुमीत सिंह भाटीवाल, नछत्तर सिंह जैतों, वीरपाल सिंह ढिल्लों, बिंदर सिंह गोलेवाल, गुरनाम भीखी और हरमेश सिंह समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया.

जोगिंदर सिंह उगराहां, रमिंदर सिंह पटियाला, बूटा सिंह बुर्जगिल, हरिंदर सिंह लोखोवाल, सतनाम सिंह अजनाला, गुरुमीत सिंह मेहमा और राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला समेत प्रमुख किसान नेताओं के घरों पर पुलिस की छापेमारी की गई है.

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SKM की पंजाब के किसानों से अपील

किसान यूनियन ने कहा, शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार नागरिकों का मौलिक अधिकार है और विरोध की अनुमति न देने का राज्य सरकार का तानाशाही रवैया पंजाब के लोगों द्वारा कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. एसकेएम ने पंजाब भर के किसानों से चंडीगढ़ में सप्ताह भर चलने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की.

एसकेएम नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने किसान नेताओं से चंडीगढ़ चलने का आह्वान किया. उन्होंने किसानों से कहा कि अगर वे चंडीगढ़ जाते समय पुलिस द्वारा रोके जाते हैं तो वे खाली जगह पर बैठ जाएं ताकि कोई भी सड़क अवरुद्ध ना हो. उन्होंने कहा, पंजाब सरकार यह दावा करके हमें बदनाम करना चाहती है कि उन्होंने सड़कें अवरुद्ध कर दी हैं.

किसान नेताओं और विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई के लिए AAP सरकार की आलोचना की. किसानों की मांगों पर चर्चा के लिए पंजाब सरकार और एसकेएम नेताओं के बीच बातचीत सोमवार को असफल रही. किसान नेताओं ने दावा किया कि मान गुस्से में बैठक से बाहर चले गए.

सीएम भगवंत मान ने क्या कहा?

वहीं, सीएम भगवंत मान ने कहा कि बातचीत के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं लेकिन आंदोलन के नाम पर जनता को असुविधा और उत्पीड़न से बचना चाहिए. किसान नेताओं के साथ अपनी बैठक पर मान ने कहा, मैंने उनसे कहा था कि हर दिन आप रेल रोको विरोध प्रदर्शन करते हैं और सड़कें अवरुद्ध करते हैं जिससे पंजाब को आर्थिक रूप से भारी नुकसान होता है और पंजाब धरना राज्य बनता जा रहा है. विभिन्न किसान संगठनों के बीच श्रेय लेने की लड़ाई है जो समानांतर सरकार चलाकर अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन रेल या सड़क अवरोधों के जरिए आम लोगों को असुविधा की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

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किसान संगठनों की मांगें क्या हैं?

एसकेएम ऋण निपटान के लिए एक कानून बनाने, हर खेत तक नहर का पानी सुनिश्चित करने, गन्ना बकाया का भुगतान करने और भारतमाला परियोजनाओं के लिए भूमि के कथित जबरन अधिग्रहण को रोकने की भी मांग कर रहा है.

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