किसानों से संबंधित बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाने के बाद भी इसे लेकर सियासी घमासान थमता नहीं नजर आ रहा. केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सहयोगी शिरोमणी अकाली दल (एसएडी) ने पंजाब सरकार से प्रदेश को प्रमुख मार्केट यार्ड घोषित करने की मांग की है. एसएडी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से यह मांग करते हुए कहा कि कृषि उत्पादों के लिए प्रमुख मार्केट यार्ड घोषित करने पर कृषि मंडी को लेकर केंद्र का नया अधिनियम लागू नहीं होगा.
सुखबीर बादल ने कहा कि यह पंजाब के लिए सबसे अच्छा, तेज और सबसे प्रभावी तरीका है कि राज्य में केंद्र के किसान विरोधी नए अधिनियम को लागू होने से रोक दिया जाए. सरकार को बिना किसी देरी के यह कदम उठा लेना चाहिए. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कैप्टन सरकार यदि ऐसा नहीं करती है तो सत्ता में आने पर एसएडी सबसे पहली कैबिनेट मीटिंग में ही यह कार्य करेगी. एसएडी अध्यक्ष ने कहा कि जरूरत पड़ी तो ऑर्डिनेंस के जरिए या सेक्शन 7-ए एपीएमसी के तहत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए.
एसएडी अध्यक्ष ने इन विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने के लिए राष्ट्रपति से भी आग्रह करने की जानकारी दी और कहा कि उनकी प्रतिक्रिया का अभी इंतजार है. उन्होंने कहा कि हम इस बिल के प्रावधानों को पंजाब में लागू नहीं होने देंगे. इसके लिए हमें चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े. उन्होंने कैप्टन सरकार से एपीएमसी एक्ट के तहत किए गए संशोधनों को भी रद्द करने की मांग की और कहा कि ये भी उतने ही खतरनाक हैं, जितना खतरनाक केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए लाए गए बिल हैं. इन्हें तुरंत रद्द किया जाना चाहिए.
सुखबीर बादल ने कैप्टन के विरोध पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अमरिंदर सिंह ने वही प्रावधान सूबे में लागू किए, जिनका आज वह केंद्र में विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इसे लेकर कांग्रेस को सफाई देनी चाहिए. गौरतलब है कि एसएडी कोटे से केंद्र में मंत्री हरसिमरत कौर ने किसान बिल के विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, एसएडी ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया है. एसएडी, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में बनी हुई है.