देश को गणतंत्र दिवस की परेड का बेसब्री से इंतजार है. वहीं आंदोलनकारी किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी पीड़ा जाहिर करने के लिए इस दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने का फैसला किया है. ट्रैक्टर परेड के लिए विभिन्न किसान संघों ने भर्ती अभियान भी शुरू किया है.
जिन किसानों के पास अपने ट्रैक्टर हैं वो परेड के लिए उन्हें ठीक या उनकी मरम्मत कराने में जुटे हुए हैं. वहीं किसान एक्टिविस्ट पंजाब और हरियाणा के विभिन्न गांवों में किसानों को मार्च में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के वास्ते मॉक ट्रैक्टर रैलियों का आयोजन करने में व्यस्त हैं.
हालांकि, किसान यूनियन गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च के मुद्दे को लेकर बंटे हुए हैं. प्रतिबंधित संगठन सिख ऑफ जस्टिस ने यह ऐलान करके दिल्ली पुलिस की चिंता बढ़ा दी है कि वह लाल किले पर गणतंत्र दिवस के दिन खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम देगा.
ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने के लिए दिल्ली पुलिस पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. दिल्ली पुलिस ने अपने आवेदन में यह आशंका व्यक्त की है कि ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करके किसान संघ गणतंत्र दिवस परेड को बाधित कर सकते हैं.
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दिल्ली पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय से यह भी कहा है कि किसानों का मार्च कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है और यह राष्ट्र की शर्मिंदगी का कारण बन सकता है. अब यह देखना है कि सुप्रीम कोर्ट किसान संगठनों को ट्रैक्टर रैली के लिए मना करता है या नहीं.