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'शहीद का दर्जा मिले...', खरौनी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी युवक की मौत पर किसानों ने की FIR दर्ज करने की मांग

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों पर पंजाब इलाके में प्रवेश करने और खनौरी सीमा पर किसानों के खिलाफ 'बल' का उपयोग करने का आरोप लगाया. खनौरी बॉर्डर पर किसान की मौत के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए किसान नेताओं ने घरों और वाहनों पर काले झंडे लगाने का भी आह्वान किया है.

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खरौनी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी की मौत पर किसानों ने की FIR दर्ज करने की मांग (फाइल फोटो)
खरौनी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी की मौत पर किसानों ने की FIR दर्ज करने की मांग (फाइल फोटो)

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और कृषि लोन माफ करने सहित अपनी कई मांगों को लेकर हजारों किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने गुरुवार को पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है. पंढेर ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार को राज्य के इलाके में प्रवेश करने के बाद कथित तौर पर 25-30 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नुकसान पहुंचाने के लिए हरियाणा अर्धसैनिक बल के जवानों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

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पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में बुधवार को झड़प हुई थी, इस दौरान एक किसान की मौत हो गई और करीब 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए. यह घटना तब हुई, जब कुछ प्रदर्शनकारी किसान पुलिस के द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. बठिंडा जिले के रहने वाले शुभकरण सिंह (21) की संगरूर-जींद सीमा पर खनौरी में मौत हो गई.

किसानों के खिलाफ 'बल' प्रयोग का आरोप
पटियाला में पत्रकारों से बात करते हुए, सरवन सिंह पंढेर ने हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों पर पंजाब इलाके में प्रवेश करने और खनौरी सीमा पर किसानों के खिलाफ 'बल' का उपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि पंजाब सरकार धारा 302 (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज करे' 
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मांग की है कि पंजाब सरकार शुभकरण को शहीद का दर्जा दे. उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा कथित तौर पर पंजाब के क्षेत्र में 25-30 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नुकसान पहुंचाने का संज्ञान ले.

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किसान नेताओं ने खनौरी बॉर्डर पर किसान की मौत के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए घरों और वाहनों पर काले झंडे लगाने का भी आह्वान किया है.

प्रदर्शनकारी किसान की मौत के बाद किसान नेताओं ने बुधवार को 'दिल्ली चलो' मार्च दो दिनों के लिए रोक दिया और कहा कि वे शुक्रवार शाम को इस पर अपनी अगली रणनीति तय करेंगे. पुलिस ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों के समूहों को तितर-बितर करने के लिए दो सीमा बिंदुओं पर कई बार आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी में मार्च को रोकने वाले बैरिकेड्स की तरफ बढ़ने की कोशिश की था.

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भगवंत मान ने क्या कहा?
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा कि वह किसान की मौत से दुखी हैं, इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सीएम मान ने कहा था कि पोस्टमॉर्टम के बाद मामला दर्ज किया जाएगा.

सरकार से क्या चाहते हैं किसान?
पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस के द्वारा दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने और 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए 'इंसाफ', भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और साल 2020-21 में हुए किसान आंदोलन दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. 
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और सूबे के गृहमंत्री अनिल विज के स्तीफे की भी मांग की है.

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किसानों ने आगे के लिए क्या तैयारियां की हैं?
जानकारी के मुताबिक 26 फरवरी को किसानों ने अमृतसर हाइवे और शंभू बॉर्डर सहित उन स्टेट और नेशनल राजमार्गों पर ट्रैक्टर मार्च करने की योजना बनाई है, जो एक तरफ से दिल्ली की ओर जाते हैं. इसके बाद 14 मार्च को दिल्ली में रैली और महापंचायत की योजना बनाई गई है, जिसमें बड़ी तादाद में किसानों के शामिल होने की उम्मीद है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि हमारी मांग है कि फायरिंग की घटना की न्यायिक जांच की जाए.  
 

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