चंडीगढ़ के एक डेंटिस्ट मोहित धवन ने सीबीआई के पूर्व निदेशक और चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी तेजिंदर लूथरा समेत कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उनका कहना है कि इन अफसरों ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल करके जबरन उसकी एक विदेशी महिला पेशेंट को 50 लाख रुपये देने का दबाव बनाया है.
वहीं इस मामले को लेकर चंडीगढ़ यूटी विजिलेंस ने राकेश अस्थाना, चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी, चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर अश्विनी और दिल्ली वापस जा चुके डीएसपी सतीश कुमार के खिलाफ जांच शुरू की है.
डेंटिस्ट ने लगाया आरोप
डेंटिस्ट डॉक्टर मोहित धवन ने बताया कि विदेशी पेशेंट कुछ सालों पहले दांतों का प्लांटेशन करवाने के लिए चंडीगढ़ आई थी. उस महिला ने डॉक्टर मोहित धवन से अपना इलाज करवाया. इलाज के बाद विदेशी महिला को करीब 12000 डॉलर का बिल देना था. जिसके बाद महिला ने डॉक्टर को 7 लाख का चेक दिया लेकिन वो चेक बांउस हो गया. इसके बाद डॉक्टर मोहित धवन ने महिला के खिलाफ चेक बाउंस का केस कोर्ट में डाला. यही नहीं विदेशी पेशेंट खुद को आईपीएस राकेश अस्थाना का करीबी बता रही थी.
डेंटिस्ट मोहित धवन का आरोप है महिला ने सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के नाम पर डॉक्टर को धमकी दी और कहा था कि वो उसे फंसा देगी. डेंटिस्ट का कहना है कि इस मामले को लेकर चारों अफसरों ने अपने रसूख का इस्तेमाल करके उसे परेशान किया.
विदेशी महिला ने दी फंसाने की धमकी
साथ ही डॉक्टर ने आरोप लगाते हुए कहा कि महिला से ई-मेल के जरिए झूठी शिकायत ली गई. महिला की शिकायत मिलने से 2 महीने पहले ही चंडीगढ़ पुलिस ने अपने आप ही डॉक्टर के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी. डॉक्टर ने बताया कि ये महिला मुंबई की है.
यही नहीं डेंटिस्ट का कहना है कि उस पर विदेशी महिला पेशेंट को 50 लाख रुपये देने का दबाव बनाया गया. बल्कि महिला ने मेल में खुद लिखा है कि उसे कम से कम 5 लाख रुपये चाहिए. साथ ही ये महिला सीबीआई और पुलिस अधिकारियों की आधिकारिक और व्यक्तिगत आईडी पर ईमेल कर शिकायत भेजती थी.
अफसरों पर परेशान करने के आरोप
इस मामले में आरोप लगाने वाले डॉक्टर मोहित धवन मीडिया के सामने आए हैं. उन्होंने राकेश अस्थाना और अन्य पुलिस अफसरों पर परेशान करने के आरोप लगाए हैं लेकिन इस केस से जुड़े तथ्य वो खुलकर अभी सामने नहीं रख सकते क्योंकि केस अभी पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में भी पेंडिंग है.
आगे उनका कहना है कि न्यायिक प्रक्रिया में वो कोई दखल नहीं देना चाहते और उन्हें उम्मीद है कि विजिलेंस की जांच में दूध का दूध पानी का पानी होगा और अदालत से भी उनको इंसाफ मिलकर रहेगा.