पंजाब के होशियारपुर में पुलिस ने ठगी करने वाले एक गिरोह को पकड़ा है. ये लोग युवाओं को पंजाब पुलिस में भर्ती करवाने का झांसा देकर ठगी करते थे. भर्ती के नाम पर आठ लाख रुपये लेते थे. गिरोह के पकड़े गए तीन सदस्यों से पुलिस पूछताछ कर रही है.
पूछताछ में पता चला है कि कपूरथला के सुल्तानपुर का रहने वाला बलविंद्र सिंह गिरोह का सरगना है. वो खुद को पंजाब पुलिस का सब-इंस्पेटर बताता था. इससे युवा उसके चंगुल में फंस जाते थे. युवाओं को पंजाब पुलिस में नौकरी लगवाने का लालच देकर आठ लाख की मांग करता था. इस काम में जालंधर के सहायपुर का रहने वाला रोहित कुमार उर्फ बलवंत सिंह गिल उसका साथ देता था और खुद को डीएसपी बताता था.
नौजवानों को इस तरह बनाया शिकार
गिरोह ने मुकेरिया क्षेत्र के 30 से 35 नौजवानों से सिपाही भर्ती के नाम पर आठ लाख रुपये मांगे. गिराह युवाओं को किराए के कमरे में रखता था और ट्रेनिंग देता था. इतना ही नहीं जाली आई. डी. कार्ड और ज्वाइनिंग लेटर देता था. साथ ही पुलिस की वर्दी पहनाकर ग्राउंड पर ट्रेनिंग देता था. फर्जीवाड़े की कहानी यहीं तक नहीं सीमित थी. युवाओं का भरोसा जीतने के लिए उनके खाते में वेतन के नाम पर दस हजार रुपये भी डाले.
'2 करोड़ 58 लाख रुपये की ठगी'
इस मामले में डीएसपी कुलविंदर सिंह ने बताया कि जानकारी मिलने पर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. देव कॉलोनी का रहने वाला आरोपी बलबीर सिंह फरार है. गिरोह ने करीब 35 नौजवानों को पुलिस में भर्ती करवाने के नाम पर 2 करोड़ 58 लाख रुपये की ठगी की. पकड़े गए तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है.