पंजाब के फाजिल्का जिले के कुंडल गांव के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने छात्राओं की माहवारी का पता लगाने के लिए 6ठीं और 7वीं कक्षाओं की 15 छात्राओं के कपड़े उतारकर तलाशी ली. जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.
दरअसल, गुरुवार को आरोपी टीचर ने जब गर्ल्स स्कूल के टॉयलेट में इस्तेमाल किया गया सेनेटरी नैपकिन देखा तो वह आग बबूला हो गई. उन्हें अंदेशा था कि इस तरह से फेंके गए सेनेटरी पैड से टॉयलेट का पाइप ब्लॉक हो जाएगा.
आरोपी शिक्षिका ने छात्राओं को सेनेटरी पैड्स के सही निस्तारण करने का तरीका बताने के बजाए ये जानना जरूरी समझा कि आखिर किसने टॉयलेट में सेनेटरी पैड को इस तरह फेंका है. छात्राओं को जागरूक करने की बजाय टीचर ने 7वीं और 8वीं कक्षाओं की छात्राओं के कपड़े उतारकर तलाशी ली.
पीड़ित छात्राओं ने जब अपने माता-पिता को आपबीती बताई तो मामला स्कूल प्रबंधन और एसडीम के संज्ञान में लाया गया. जब अबोहर की एसडीम पूनम सिंह ने शनिवार को स्कूल का दौरा किया तो आरोपी शिक्षिका के स्कूल आने पर रोक लगा दी गई.
मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को आरोपी शिक्षिका सहित एक अन्य अध्यापक के तबादलों के आदेश जारी कर दिए. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच के आदेश भी दे दिए हैं. मुख्यमंत्री ने पंजाब के शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार को मामले की जांच करके उसके रिपोर्ट सोमवार तक पेश करने के लिए कहा है.
Punjab CM Captain Amarinder Singh orders inquiry into reported stripping of girls in Fazilka Govt School after a video showed girl students complaining about being stripped by teachers in school premises. CM has given orders to transfer 2 teachers allegedly involved in incident.
— ANI (@ANI) November 3, 2018
इस घटना के बाद छात्राओं के अभिभावकों में स्कूल प्रशासन और आरोपी शिक्षिका के प्रति गुस्सा है. अभिभावकों का मानना है कि छात्रों की उम्र 10-12 साल के बीच है, जिनको तलाशी के नाम पर बेइज्जत किया गया है. उनका कहना है कि छात्राओं को शिक्षित करना चाहिए था कि सेनेटरी पैड्स का सही तरीके से निस्तारण कैसे करें.