पंजाब में नौकरियों के मुद्दे पर सत्तासीन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच ठन गई है. दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब के युवाओं से "हर घर नौकरी" का वादा करके सत्ता में पहुंचे हैं.
कांग्रेस के "हर घर नौकरी" वादे का मतलब था कि पंजाब सरकार हर घर में किसी एक व्यक्ति को नौकरी देगी या रोजगार शुरू करने में मदद की जाएगी. पंजाब में कांग्रेस को सत्ता में आए करीब 1 साल हो चुका है. ऐसे में राज्य सरकार दावा कर रही है कि करीब एक लाख साठ हजार युवाओं को नौकरियां दी गई हैं.
मगर सरकार के इसी आंकड़े पर आम आदमी पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टी लोक इंसाफ पार्टी सवाल खड़े कर रही हैं. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि पंजाब की यूनिवर्सिटीज में जो कैंपस प्लेसमेंट हो रहा है, उसे भी सरकार अपनी ओर से दिलवाई गई नौकरी बता कर क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही है, जबकि वास्तविकता इससे उलट है. पंजाब में युवाओं को नौकरी के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा और कैप्टन का "हर घर नौकरी" का वायदा युवाओं के साथ किसी छलावे से कम नहीं है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को पंजाब के लुधियाना में करीब 9,500 युवाओं को नौकरी के ऑफर लेटर दिए, लेकिन इस कार्यक्रम के ठीक बाद ही आम आदमी पार्टी की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी ने पंजाब सरकार के एक लाख साठ हजार युवाओं को नौकरी देने के दावे पर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए कुछ दस्तावेज जारी किए.
लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत सिंह बैंस का कहना है कि पंजाब सरकार रोजगार मेलों में भीड़ जुटाने और नौकरियां दिलवाने का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए अपने अलग-अलग महकमों और सोसाइटी और बोर्डों में लगे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को जबरदस्ती रोजगार मेलों में भेज देती है. इन युवाओं को 9 से 10 हजार की नौकरी का ऑफर लेटर भी दे दिया जाता है और फिर इसी फर्जी आंकड़े को पंजाब सरकार बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की कोशिश करती है.