27 जुलाई को गुरदासपुर के दीनानगर में तीन आतंकियों के पास से मिले हथियार, विस्फोटक और अन्य डिवाइसों की गुत्थी अभी सुलझ नहीं सकी है. गृहमंत्रालय के सूत्रों ने दावा किया है कि इन असलहों की गुत्थी सुलझाने के लिए भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार से मदद मांगी है. घटनास्थल पर मिले नाइट विजन डिवाइस पर अमेरिकी ठप्पा लगा है जो ये जाहिर करता है ये मेड इन यूएस है. जबकि सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के मकसद से अन्य हथियारों पर से मार्किंग मिटा दी गई.
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 'ये जानना बेहद जरूरी है कि कैसे अमेरिकी सेना के इस्तेमाल के लिए बने इतने संवेदनशील हथियार राष्ट्र-विरोधियों के हाथों तक कैसे पहुंचे. अमेरिकी सरकार ही ये स्पष्ट कर सकेगी कि कहीं ये हथियार एजेंसी के पास से चोरी तो नहीं हुए या लूट तो नहीं लिए गए या फिर सीधे तौर पर खुले बाजार में बेचे तो नहीं गए.'
गृहमंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारतीय अधिकारी आतंकियों के पास मिले डिवाइस के निर्माता, इसे भेजे जाने और मालिकाना हक की जानकारी अमेरिका से मांग सकती है. सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी एफबीआई ने भारतीय सरकार से पूरे सहयोग की बात कही है.