करतारपुर साहिब कॉरिडोर मामले पर पंजाब में सियासी भूचाल आ गया है. इस बाबत पंजाब के मंत्री और कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी और मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सिद्धू पर इस मामले का राजनीतिकण करने का आरोप लगाया.
अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने कहा कि सिद्धू अपनी एक गलती छुपाने के लिए नए-नए मुद्दे उछाल रहे हैं. उन्होंने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि सिद्धू ने उस पाकिस्तानी जनरल को गले लगाया जो रोज हमारे जवानों के कत्ल करने का हुक्म देता है. बादल ने कहा कि पाकिस्तान में सरकार बनने से पहले ही सेना प्रमुख बाजवा ने करतापुर कॉरिडोर खोलने का फैसला कैसे ले लिया.
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि जब सिद्धू ने देश को इस फैसले के बारे में बताया तो सिखों के बीच खुशी हुई लेकिन कोई कागज-चिट्ठी नहीं आई, सिद्धू ने इस मुद्दे पर सिर्फ बयानबाजी की है. उन्होंने कहा, 'मैंने सुषमा जी से बात की और पूछा कि करतारपुर कॉरिडोर के मसले पर पाकिस्तान से कोई बात हुई और क्या इसमें कोई सच्चाई है? तो उनका साफ कहना था कि ऐसी कोई बात नहीं हुई है.' बादल ने कहा कि कांग्रेस का कोई मंत्री इतना झूठ कैसे बोल सकता है.
I wrote to EAM that it's being portrayed that Pak govt gave a green signal over Kartarpur corridor&our govt is doing nothing from its side.Was shocked when received letter from her stating there's nothing like that.Pak govt never communicated anything on this:Harsimrat Kaur Badal pic.twitter.com/EBSFW2oZEv
— ANI (@ANI) September 18, 2018
हरसिमरत कौर ने सुषमा स्वराज के हवाले से कहा, 'मुझे बताया कि एम एस गिल ने सुषमा जी से मिलने का वक़्त मांगा और जब मिलने के लिये आए तो उसमें सिद्धू भी आ गए, सुषमा जी ने सिद्धू को बाजवा से गले मिलने पर झाड़ भी लगाई.' बादल ने कहा कि राहुल गांधी बताएं, क्या सिद्धू ने उनसे इजाजत लेकर गए और क्या वो कोई कार्रवाई करेंगे, क्योंकि सिद्धू गद्दार हैं.
बादल ने आरोप लगाया कि सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दी गई राजनीतिक मंजूरी का दुरूपयोग किया. बता दें कि सिद्धू ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के गले मिलकर विवाद पैदा कर दिया था. इसके बाद सिद्धू लगातार बीजेपी और अकाली दल के निशाने पर हैं.