चंडीगढ़ प्रशासन के एक फैसले के चलते पंजाब-हरियाणा में राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है. हरियाणा सरकार को विधानसभा भवन बनाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन 10 एकड़ भूमि देने का फैसला लिया है. इसी को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ है, लेकिन दोनों ही इसे अपना बताते हैं और इसे अपने राज्य को सौंपने की मांग करते हैं. इस मुद्दे पर अब पंजाब और हरियाणा के सीएम आमने सामने हो गए हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा,'पहले उन्होंने (पंजाब) एसवाईएल का पानी रोका और अब वे विधानसभा पर आ गए हैं. चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक है. आपको (भगवंत मान) लोगों के लिए काम करना चाहिए. मैं भगवंत मान से कहना चाहूंगा कि आप किसानों की फसल खरीद सकते थे. आप उन्हें एमएसपी नहीं दे रहे हैं.'
'समझदारी से काम लेना चाहिए'
हरियाणा के सीएम ने कहा,'आप (भगवंत मान) यह कहकर लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं कि आप हमें यहां विधानसभा नहीं बनाने देंगे. मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे किसानों के हित में कदम उठाएं. वे ऐसी बातें क्यों कहते हैं कि हमने पानी रोक दिया है, हम उन्हें विधानसभा नहीं बनाने देंगे. इसका क्या मतलब है? समझदारी से काम लेना चाहिए.
चंडीगढ़ पंजाब का: सुनील जाखड़
इस मुद्दे पर हाल ही में पंजाब बीजेपी के नेता सुनील जाखड़ का भी बयान आया था. सुनील जाखड़ ने पंचकुला में आज तक से बात करते हुए कहा था,'हां, मैं चंडीगढ़ में हरियाणा की अपनी विधानसभा के निर्माण के लिए चंडीगढ़ हरियाणा को जमीन देने के फैसले का विरोध करता हूं. चंडीगढ़ पंजाब का है और कोई भी पंजाबी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. मैंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है.'
BJP चीफ के पद से दिया इस्तीफा
सुनील जाखड़ ने कहा था कि चंडीगढ़ पर पंजाब का पूरा अधिकार है. पीएम मोदी ने पंजाब के लिए बहुत कुछ किया है. मुझे लगता है कि पंजाब के हित में उन्हें इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. हरियाणा के नेताओं को हरियाणा में ही अपनी विधानसभा बनानी चाहिए. पंजाब में लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने के बाद मैंने पंजाब भाजपा प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. मैंने अपना इस्तीफा जेपी नड्डा को दे दिया है और अब पार्टी नेतृत्व को फैसला लेना है.