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पंजाब में किसानों ने शुरू किया दिल्ली जैसा आंदोलन, अपने साथ गाड़ियों में भरकर लाए राशन, चूल्हा, कूलर...

पंजाब में किसानों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए भगवंत मान सरकार के खिलाफ दिल्ली आंदोलन जैसा प्रदर्शन शुरू कर दिया है. मालूम हो कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने एक साल से ज्यादा समय तक दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दिया था, जिसके बाद केंद्र को कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था.

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किसान संगठन 11 मांगों को मनवाने के लिए धरना दे रहे हैं (एएनआई)
किसान संगठन 11 मांगों को मनवाने के लिए धरना दे रहे हैं (एएनआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भगवंत मान सरकार की वादाखिलाफी से हैं नाराज
  • 11 मांगों को न मानने के विरोध में शुरू किया प्रदर्शन

पंजाब में किसानों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 23 किसान संगठनों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए मंगलवार को चंडीगढ़ की ओर मार्च शुरू किया हालांकि पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोकने की कोशिश की. इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई. इसके बाद किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ वहीं धरना शुरू कर दिया. वे अपने साथ धरना स्थल पर ट्रैक्टर-ट्रॉली में राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर और रसोई गैस सिलेंडर और अन्य आवश्यक सामान लेकर आए हैं.

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पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर किसानों को चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर रोका

चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर दे रहे धरना

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने के दौरान चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर ही रोक दिया है. जिसके बाद किसानों धरने शुरू कर दिया. इस दौरान एक किसान ने कहा कि उनकी 11 मांगें पूरी होने तक विरोध जारी रहेगा. वहीं किसान नेता ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक विरोध करने की अपील की है.

किसानों ने सरकार से ये की हैं मांगें

किसानों ने मक्का और हरी चने सहित 23 फसलों पर 500 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का मुआवजा, गेहूं के निर्यात पर बैन हटाने, धान की बोआई का कार्यक्रम रद्द करने, निर्बाध बिजली आपूर्ति, न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कुछ अन्य मांगें सीएम भगवंत मान से की थीं.

लंबे समय तक धरना देने की तैयारी के साथ आए हैं किसान

'किसानों का ऐसा बर्ताव स्वीकार नहीं'

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू करने पर किसान संगठनों की खिंचाई की. उन्होंने कहा कि वार्ता के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं लेकिन किसान संगठनों का व्यवहार कभी स्वीकार्य नहीं है.

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सीएम पर वादाखिलाफी का आरोप

प्रदर्शन में शामिल एक किसान ने कहा कि गेहूं के लिए 500 रुपये बोनस की मांग की गई थी, जिस पर सीएम ने सहमति जताई लेकिन उसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई. हम बासमती, मूंग पर एमएसपी के लिए अधिसूचना की भी मांग करते हैं. बिजली के प्रीपेड मीटर नहीं लगाए जाने चाहिए. मांगें पूरी होने तक हम चंडीगढ़ में दिल्ली जैसा प्रदर्शन जारी रखेंगे .

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