चंडीगढ़ के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गुरुवार को पहली इंटरनेशनल फ्लाइट रवाना हुई. इस फ्लाइट में खुद पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी अपने डेलिगेशन के साथ रवाना हुए. फ्लाइट को हरी झंडी दिखाने के लिए केंद्रीय मंत्री गणपति राजू और पंजाब के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे, लेकिन इस एयरपोर्ट में हिस्सेदार हरियाणा सरकार का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ.
अभी नाम नहीं हुआ तय
ये शायद दुनिया का एकमात्र ऐसा एयरपोर्ट है, जिसका अभी तक कोई नाम ही नहीं है. लिहाजा कहीं मोहाली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिखा है तो कहीं चंडीगढ़ एयरपोर्ट . चंडीगढ़ का इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी चंडीगढ़ की ही तरह विवादों में रहा है. जिस तरह चंडीगढ़ पर हरियाणा और पंजाब अपना हक जताते रहे हैं, कमोबेश यही हालात चंडीगढ़ एयरपोर्ट की भी है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने के बाद एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद हाई कोर्ट की दखलअंदाजी के बाद फ्लाइट शुरू हो गई है, लेकिन इस एयरपोर्ट के नाम को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है. केंद्रीय मंत्री गणपति राजू का भी कहना है की इसके नाम पर विचार चल रहा है. इसका नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर भी हो सकता है.
180 यात्री भी हुए रवाना
वहीं इस फ्लाइट में पंजाब सरकार के डेलीगेशन के जाने पर विवाद हो गया है. पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में कैबिनेट मंत्री परमिंदर ढींडसा, विधायक एनके शर्मा समेत कई अधिकारियो और व्यवसायियों का 40 सदस्यीय डेलीगेशन 180 यात्रियों के साथ पहली फ्लाइट से शारजाह जा रहा हैं. पंजाब सरकार का कहना है कि पंजाब में निवेश लाने के लिए ये डेलीगेशन शारजाह और दुबई के दोरे पर जा रहा है और इसमें सरकारी खर्चे पर सिर्फ 8 लोग ही जा रहे हैं बाकी लोग अपने खर्चे पर जा रहे हैं.
'कांग्रेस का काम हल्ला मचाना'
साथ ही पंजाब सरकार मोहाली स्थित चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट शुरु होने का क्रेडिट भी लेना चाहती है. वहीं कांग्रेस ने इस यात्रा पर निशाना साधते हुए इसे सिर्फ ऐशो आराम का जरिया कहा है. पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस का काम तो सरकार के हर काम पर हल्ला मचाने का है और ये डेलीगेशन पंजाब के लिए निवेश लाने के लिए ही जा रहा है और पंजाब सरकार के प्रयासों की वजह से पहले भी पंजाब में काफी विदेशी निवेश हुआ है.