पंजाब में धार्मिक किताब के अंश फाड़े जाने के बाद हुई हिंसा पर केंद्र सरकार को रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन इस बीच संकेत मिले हैं कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ऐसी घटनाओं के जरिए खालिस्तान का मुद्दा दोबारा गरमाना चाह रही है.
मामले की जांच कर रही पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया. उनकी फोन कॉल रिकॉर्ड चेक करने पर पता चला कि वे अंतरराष्ट्रीय कॉल भी करते थे. फरीदकोट से गिरफ्तार हुए संदिग्धों की पहचान जसविंदर सिंह और रूपिंदर सिंह के रूप में हुई है. पुलिस को आशंका है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए पैसा ऑस्ट्रेलिया और दुबई से आया है.
इन आतंकी संगठनों से हुई ISI की मुलाकात
खुफिया एजेंसी को मिले इनपुट के मुताबिक, ISI पंजाब में खालिस्तान की मांग को उकसाने के लिए ऐसी घटनाएं करवाने की दिशा में काम कर रही है, ताकि पंजाब में आतंकी ठिकाने बनाए जा सकें. यही नहीं, सुरक्षा एजेंसियों को यह भी पता चला है कि एक महीने पहले ही आईएसआई के अधिकारियों ने लश्कर-ए-तैयबा के अलावा सिख आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के कुछ लोगों से मुलाकात की थी और पंजाब के साथ ही जम्मू-कश्मीर व दिल्ली में हिंसा भड़काने की योजना बनाई थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब के इस माहौल का फायदा उठाकर ISI यहां आतंकवाद को मजबूत करना चाहती है, ताकि भविष्य में बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सके.