लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अन्य राज्यों की सरकारें बेहद सक्रिय नजर आ रही हैं. पंजाब और छत्तीसगढ़ की सरकारों की ओर से लखीमपुर में मारे गए किसानों के परिवार को 50-50 लाख रुपये देने के ऐलान के बाद पंजाब के मंत्री की ओर से यह भी कहा गया कि प्रदेश कांग्रेस 10 हजार वाहनों के काफिले के साथ गुरुवार को लखीमपुर के लिए रवाना होगी. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत गुरुवार सुबह उत्तराखंड के रामनगर से 1000 गाड़ियों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी के लिए निकल रहे हैं.
पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी सरकार में मंत्री बने परगट सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब कांग्रेस लखीमपुर खीरी के पीड़ितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. पंजाब कांग्रेस कल 7 अक्टूबर को 10 हजार गाड़ियों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होगी. सभी एयरपोर्ट चौक पर जमा होंगे.
इससे पहले लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों को पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 50-50 लाख रुपये देने का ऐलान किया. दोनों राज्यों की सरकारों ने घटना की कवरेज के दौरान मारे गए पत्रकार के परिवार को भी 50-50 लाख रुपये देने की बात कही है.
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खास बात यह है कि इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से की जा रही आर्थिक मदद योगी आदित्यनाथ सरकार के मुआवजा राशि से ज्यादा है. प्रदेश की योगी सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. यही नहीं घायलों को 10 लाख दिए जाने का ऐलान किया गया है. साथ में घटना की न्यायिक जांच करने का वादा भी किया गया है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मसले पर कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ पूरा हिंदुस्तान खड़ा है. राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक पीड़ित किसानों के परिवार को 50 लाख रुपये और पीड़ित पत्रकार के परिवार को भी 50 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसी तरह का ऐलान पंजाब सरकार की ओर से की गई.