नए कृषि कानूनों पर किसानों की आशंकाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार अब तक पांच बार वार्ता कर चुकी है. छठी बार बातचीत करने के लिए बुधवार का दिन मुकर्रर भी हो चुका है. लेकिन किसानों ने अपने आंदोलन का सबसे बड़ा भारत बंद का दांव चल दिया है.
मंगलवार को भारत बंद है. ये बंद किसानों ने बुलाया है. ये बताने के लिए कि कृषि कानून उनके खिलाफ हैं और इसके रद्द होने तक उनका आंदोलन चलता रहेगा. लेकिन भारत बंद में विपक्षी दल भी कूद पड़े हैं. एनडीए के सहयोगी और मोदी सरकार में हिस्सेदार रहे शिरोमणि अकाली दल ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर ही किनारा कर लिया था.
एनडीए से बाहर हो चुके अकाली दल ने केंद्र से इन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे और शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. प्रकाश सिंह बादल ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है.
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में प्रकाश सिंह बादल ने कहा, 'उदारता दिखाएं और तीनों विवादास्पद कानूनों को रद्द करें ताकि देश के सामने खड़े संकट का हल किया जा सके.' किसानों के इतने बड़े आंदोलन पर प्रकाश सिंह बादल ने पीएम मोदी से कहा कि, 'पहले से ही लगे घावों को ठीक होने में लंबा समय लगेगा.'
In a letter to PM Sh. @narendramodi, 5-time CM S. Parkash Singh Badal asks him to show magnanimity & scrap the 3 controversial farmers Acts as a step towards resolving the crisis confronting the nation. “The wounds already inflicted will take a long time to heal," he says. pic.twitter.com/yQp40EMAxG
— Shiromani Akali Dal (@Akali_Dal_) December 7, 2020
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इस बीच, शिरोमणि अकाली दल ने शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित होने वाले अखंड पाठ के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. शिरोमणि अकाली दल 12 से 14 दिसंबर तक श्री अकाल तख्त में आयोजित होने वाले अखंड पाठ का कार्यक्रम करने वाला था. लेकिन किसानों के आंदोलन को देखते हुए पार्टी ने इसे फिलहाल कैंसिल करने का फैसला किया है.