
लुधियाना ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को चार्जशीट दाखिल कर दिया. चार्जशीट में चार आरोपियों के नाम हैं. 23 दिसंबर, 2021 को पंजाब में चुनाव प्रचार चल रहा था, इस दौरान कोर्ट कॉम्प्लेक्स की दूसरी मंजिल पर कोर्ट नंबर 14 के सामने स्थित एक बाथरूम में एक विस्फोट हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए. विस्फोट इतना भयानक था कि बाथरूम का कुछ हिस्सा और साथ में कोर्ट रिकॉर्ड रूम क्षतिग्रस्त हो गया. कथित तौर पर एक आरोपी जो पंजाब पुलिस का सिपाही गगनदीप सिंह बताया जा रहा था उसकी बम प्लांट करते समय मौत हो गई.
पंजाब पुलिस के बाद NIA को मिला जिम्मा
पंजाब में हुए इस धमाके के करीब एक साल बाद एनआईए ने इस मामले की गुत्थी सुलझा ली है. पहला आरोप पत्र सुरमुख, दिलबाग, राजनप्रीत के रूप में दायर किया गया है. इसके अलावा एक आरोपी पाकिस्तान का बताया जा रहा है. जिसकी पहचान जुल्फिकार के रूप में हुई है, जो लखबीर सिंह रोडे से जुड़ा था, जो पाकिस्तान स्थित अंतरराष्ट्रीय सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख है. लुधियाना विस्फोट का मामला शुरू में पंजाब पुलिस द्वारा 23 दिसंबर, 2021 को दर्ज किया गया था, जिसे बाद में 13 जनवरी, 2022 को एनआईए को भेजा गया. इस केस के मुख्य आरोपी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी की गिरफ्तारी के बाद एनआईए को बड़ी राहत मिली थी.
हरप्रीत पर दस लाख था इनाम
मोस्ट वांटेड आतंकी को पिछले महीने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. जबकि हरप्रीत पर अभी चार्जशीट नहीं हुई है. चूंकि मामले की जांच चल रही है इसलिए उसके खिलाफ बाद में चार्जशीट की जाएगी. मूल रूप से अमृतसर के रहने वाले हरप्रीत के लिए एनआईए ने 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी, उसे एनआईए के अधिकारियों ने मलेशिया के कुआलालंपुर से हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था.
जांच से पता चला कि पंजाब स्थित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के पाकिस्तान स्थित स्वयंभू प्रमुख लखबीर सिंह रोडे का सहयोगी हरप्रीत सिंह रोडे के साथ लुधियाना कोर्ट बिल्डिंग विस्फोट के साजिशकर्ताओं में से एक था. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में चार आरोपियों को नामजद किया गया है. पहले आशंका जताई जा रही थी कि यह आत्मघाती हमला है लेकिन गहन जांच के बाद पता चला कि बाथरूम में आईईडी लगाने के दौरान धमाका हुआ.
शुरुआती जांच में ये बात सामने आई थी कि बम विस्फोट कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और आम लोगों के जीवन को खतरे में डालने और दहशत पैदा करने के इरादे से किया गया था.