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लुधियाना ब्लास्ट का खालिस्तानी कनेक्शन, DGP ने कहा-आतंकियों और ड्रग माफिया ने रची साजिश

डीजीपी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हम आतंकवाद और नशीले पदार्थों से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. नार्को की ओर से ऑर्गेनाइज्ड अपराध और आतंकवाद खतरनाक है. लुधियाना का मामला ऐसा ही एक मामला है.

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पंजाब के लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट में मारा गया गगनदीप.
पंजाब के लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट में मारा गया गगनदीप.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • डीजीपी ने कहा- हमने 24 घंटे में मामले का खुलासा कर दिया
  • गगनदीप की महिला मित्र खन्ना पुलिस में कांस्टेबल है

पंजाब पुलिस ने लुधियाना बम ब्लास्ट में मारे गए संदिग्ध गगनदीप की महिला मित्र को हिरासत में लिया है. सूत्रों के अनुसार, गगनदीप की ये महिला मित्र खन्ना पुलिस में कांस्टेबल है और एसपी के दफ्तर में तैनात है.

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गगनदीप सिंह के कॉल डिटेल की जांच के बाद खन्ना पुलिस को मिले इनपुट के आधार पर उसे हिरासत में लिया गया है. फिलहाल ये क्लियर नहीं है कि इस महिला कॉन्स्टेबल के इस धमाके के साथ तार कैसे जुड़े हैं.

वहीं, बताया जा रहा है कि खन्ना में गगनदीप के घर से उसके भाई को भी लैपटॉप, कैश और मोबाइल के साथ हिरासत में लिया गया है. फिलहाल, दोनों से पूछताछ की जा रही है. 

डीजीपी ने कहा-  जांच में खालिस्तानी तत्वों, ड्रग तस्करों से मिले लिंक

पंजाब के पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा है कि गुरुवार को लुधियाना कोर्ट परिसर में हुए विस्फोट की जांच के दौरान खालिस्तानी तत्वों, गैंगस्टर और ड्रग तस्करों के लिंक मिले हैं. डीजीपी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हम आतंकवाद और नशीले पदार्थों से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. नार्को की ओर से ऑर्गेनाइज्ड अपराध और आतंकवाद खतरनाक है. लुधियाना का मामला ऐसा ही एक मामला है.

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डीजीपी ने कहा कि 24 घंटे में मामले का खुलासा हो गया. हमें फटे कपड़े और एक सिम कार्ड, एक मोबाइल और मृतक के हाथ पर एक टैटू मिला. लुधियाना विस्फोट मामले में संदिग्ध का विवरण देते हुए, उन्होंने कहा, "मृतक विस्फोटक ले जा रहा था, जो प्रारंभिक आकलन था और सही निकला. 24 घंटों के भीतर हमें मुख्य आरोपी मिल गया. उसे 2017 में गिरफ्तार किया गया था.

उधर, सूत्रों का कहना है कि लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के पीछे पाकिस्तान समर्थित खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा का हाथ होने का संदेह है. प्रारंभिक जांच के बाद, पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का मानना ​​है कि मृतक वही था जिसने अदालत परिसर में बम लगाया था. सूत्रों के अनुसार, व्यक्ति की पहचान गगनदीप नाम के बर्खास्त सिपाही के रूप में हुई है.

सूत्रों के मुताबिक, विस्फोट के वक्त गगनदीप का मोबाइल फोन फट गया. उसके पास एक डोंगल था जिसके जरिए वह इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा था. एनआईए और पंजाब पुलिस को शक है कि वह किसी से बम असेंबल करने और उसे एक्टिवेट करने की ऑनलाइन जानकारी ले रहा था. बता दें कि 23 दिसंबर को लुधियाना में जिला और सत्र अदालत परिसर में एक विस्फोट में एक व्यक्ति की जान चली गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए थे.

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