पंजाब के सरकारी अस्पतालों से मानवता को शर्मसार करने वाले मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला मानसा के सरकारी अस्पताल से भी सामने आया है. जहां पिछले कई दिनों से दो मरीज लावारिस हालत में भर्ती थे. बताया जा रहा है कि दोनों एचआईवी, काला पीलीया और टीबी से पीड़ित थे. बुधवार को डॉक्टरों ने एंबुलेंस चालक से कहा कि वो उन्हें किसी लावारिस जगह फेंक आए.
एंबुलेंस चालक ने भी ठीक वैसा ही किया. उन्हें ऐसा करते बिल्कुल भी शर्म नहीं आई. एंबुलेंस चालक ने दोनों मरीजों को गाड़ी में बैठाया. फिर उन्हें किसी सुनसान जगह छोड़ दिया. एक मरीज की तो थोड़ी देर बाद ही वहां मौत हो पाई. क्योंकि सर्दी के मौसम में वह न तो ठंड झेल पाया और वैसे ही उसकी हालत ठीक भी नहीं थी. उधर, दूसरा मरीज भटकते-भटकते कब्रिस्तान के पास पहुंच गया.
वहां से किसी ने पुलिस को सूचना दी. फिर दोबारा उसे मानसा अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टरों और एंबुलेंस चालक की करतूत सामने आई. आरटीआई कार्यकर्ता माणिक गोयल ओर शहर के लोगों ने सरकार हॉस्पिटल पर सवाल उठाए है ओर कार्रवाई की मांग की है.
दोनों मरीजों को सुनसान जगह पर छोड़ने वाले एम्बुलेंस चालक काका सिंह ने पुलिस को बताया कि अस्पताल के डॉ. आसू और मैडम गुरविंदर कौर ने उनसे मरीजों को छोड़ने के लिए कहा. इसके लिए डॉ. आसू ने 400 रुपये का भुगतान भी किया. फिलहाल मानसा के सीएमओ ने इस घटना के लिए एक जांच कमेटी बनाने की बात कही है.