भारत-पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा के पास मेंढर सेक्टर में शहीद हुए दो जवानों के शव मंगलवार को उनके घर पहुंचे. शहीद परमजीत सिंह का पार्थिव शरीर पंजाब में उनके घर पहुंचा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. परमजीत सिंह की पत्नी ने कहा कि अभी तक सरकार का कोई भी प्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं आया है. तो वहीं उनकी बेटी ने कहा कि हमें अपने पिता का पूरा शव चाहिए.
सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
शहीद परमजीत सिंह का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. अंतिम संस्कार के दौरान पूरा गांव उन्हें अलविदा कहने आया.
रिजिजू ने दी श्रद्धांजलि
वहीं मंगलवार शाम देवरिया में शहीद प्रेम सागर के पार्थिव शरीर को देखने अपार जनसैलाब उमड़ा. यहां लोगों ने हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए. शहीद के परिवार ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. परिवार वालों ने ताबूत खोलने की मांग की है. लेकिन शव क्षत-विक्षत होने के कारण ऐसा संभव नहीं है. शहीद का परिवार सीएम योगी को देवरिया बुलाने पर अड़ा है. परिवार का कहना है कि योगी के आने तक नहीं होगा अंतिम संस्कार. पाकिस्तान से बदला लेने का प्लान बताने की भी मांग की. इससे पहले शहीद प्रेमसागर का शव पालम एयरपोर्ट पर पहुंचा. इस दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू भी मौजूद रहे, उन्होंने वहां प्रेमसागर को श्रद्धांजलि दी.
प्रेमसागर के परिवार ने भी लगाई गुहार
वहीं हमले में शहीद हुए दूसरे जवान बीएसएफ के जवान प्रेम सागर के भाई ने कहा कि मेरा भाई शहीद हुआ है, हमें इस बात पर गर्व है. उनके भाई ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करना चाहूंगा, कि जैसे पाकिस्तान हमारे जवानों के साथ करता है वैसे ही हम भी उनके साथ करें. उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी 50 वर्षीय प्रेम सागर ने सोमवार सुबह ही अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी, और उन्होंने प्रेमसागर की तबीयत और ब्लड प्रेशर के बारे में पूछा था. लेकिन देर रात पता चला कि वह शहीद हो गये हैं.
My father got martyred for the country, proud of him: Simrandeep, daughter of Naib Sub Paramjit Singh, whose body was mutilated by Pak Army pic.twitter.com/6oMMd7NBfP
— ANI (@ANI_news) May 2, 2017
बेटियों ने लगाई योगी से गुहार
इसके साथ ही प्रेम सागर की दो बेटियों ने भी पाकिस्तान से बदला लेने की बात कही है. उनकी बेटियों ने गुहार लगाई है कि उनके पिता के ना होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही उनकी देखरेख करें. बेटी सरोज ने अपने पिता की कुर्बानी के बदले पाकिस्तानी सेना के 50 सिर की मांग की.