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महिला आयोग का निर्देश-शाम 5 बजे के बाद महिला अफसर को मैसेज नहीं भेजें मंत्री

नए दिशानिर्देश के तहत मंत्री या अफसर शाम पांच बजे के बाद अकेली महिला कर्मचारी या अधिकारी को फोन कॉल, वीडियो चैट या मैसेज नहीं भेज पाएंगे.

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पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी (फोटो-ट्विटर हैंडल से)
पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी (फोटो-ट्विटर हैंडल से)

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पंजाब सरकार के एक कैबिनेट मंत्री द्वारा एक वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी को अवांछित एसएमएस भेजने से पैदा हुए विवाद पर राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने सोमवार को दफ्तरों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर दिशा-निर्देश जारी किए.

महिला आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब शाम 5 बजे के बाद कोई भी मंत्री या अधिकारी किसी महिला कर्मचारी या अधिकारी को अकेले अपने केबिन में नहीं बुला पाएंगे.

पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने कहा कि छुट्टी के बाद किसी महिला कर्मचारी को केबिन में बुलाना, उसे वीडियो कॉल करना, मोबाइल से कॉल करना या फिर एसएमएस भेजने वाले मंत्री या अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

महिला आयोग ने साफ किया है कि अगर छुट्टी के बाद किसी जरूरी कार्य की वजह से महिला कर्मचारी या अधिकारी की उपस्थिति जरूरी है तो उसके साथ दूसरे कर्मचारी भी मंत्री या अधिकारी के केबिन में जाएंगे.

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मनीषा गुलाटी ने कहा कि पंजाब में नवंबर 2013 में जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि #MeToo आंदोलन पंजाब के लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है क्योंकि इसके बाद राज्य महिला आयोग में हर हफ्ते छेड़छाड़ और शोषण की कम से कम तीन-चार शिकायतें मिल रही हैं.

मनीषा गुलाटी के मुताबिक लुधियाना में एक बड़े बैंक की कर्मचारी ने अपने बॉस के खिलाफ शोषण का आरोप लगाया है. वहीं मोहाली की एक महिला डॉक्टर ने अपने साथी डॉक्टर के खिलाफ गलत तरीके से छूने का मामला दर्ज कराया है.

हालांकि महिला आयोग की अध्यक्ष ने माना कि इस तरह की ज्यादातर शिकायतें सही साबित नहीं हो पातीं. अक्सर कुछ महिलाएं ब्लैकमेलिंग के लिए भी झूठी शिकायतें दर्ज करा रही हैं.

उधर पंजाब के कैबिनेट मंत्री द्वारा महिला आईएएस अधिकारी को भेजे गए अवांछित एसएमएस के बाद पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री और आरोपी मंत्री दोनों विदेश दौरे पर हैं. विपक्ष मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है. विपक्ष का मानना है कि आरोपी मंत्री को बचाने की कोशिश की जा रही है और मुख्यमंत्री ने मंत्री से महज माफी मंगवा कर मामले को रफा-दफा कर दिया, जो गलत है.

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