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मुख्तार की आवभगत पर पंजाब में खर्च 55 लाख अब देगा कौन? सीएम मान ने लौटाई फाइल

मुख्तार अंसारी के पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान उसकी आवभगत पर करीब 55 लाख रुपये खर्च हुए थे. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस रकम का भुगतान करने संबंधी फाइल वापस लौटा दी है. अब सवाल ये है कि मुख्तार अंसारी की आवभगत पर खर्च हुए 55 लाख रुपये का भुगतान अब कौन करेगा?

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मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था. मुख्तार अंसारी के रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान करीब 55 लाख रुपये उसकी सुविधाओं पर खर्च हुए थे. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसकी वजह है इस रकम की अदायगी की फाइल पंजाब सरकार की ओर से वापस लौटा दिया जाना.

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुख्तार अंसारी को जेल में सुख-सुविधा उपलब्ध कराने और वकील पर खर्च हुए 55 लाख के भुगतान से संबंधित फाइल वापस लौटा दी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे लोगों के पैसे की अंधाधुंध लूट बताते हुए कहा है कि इस तरह का आचरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने ये भी कहा कि मुख्तार अंसारी जैसे खतरनाक अपराधी को रोपड़ जेल में सुख-सुविधाएं दिए जाने के संबंध में पिछली सरकारें ही जानती होंगी. भगवंत मान ने मुख्तार अंसारी के मामले को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार इस अपराधी पर किस कदर मेहरबान थी, इसका पता इसी से लग जाता है कि उसके खिलाफ 48 वारंट जारी हुए लेकिन उसे पेश नहीं किया गया.

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सीएम मान ने मुख्तार जैसे अपराधी के हितों की रक्षा के लिए टैक्स भरने वाले लोगों का 55 लाख खर्च किए जाने पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा कि लोगों के पैसे की यह लूट है. सीएम मान ने इस धनराशि के भुगतान संबंधी फाइल वापस लौटा दी. उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए ये भी कहा है कि सरकार इस तरह का फैसला लेने वाले मंत्रियों से ही ये रकम वसूलने पर विचार कर रही है.

कौन करेगा भुगतान?

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुख्तार अंसारी की सुख-सुविधा पर हुए खर्च की फाइल वापस लौटा दी है. अब सवाल ये उठता है कि मुख्तार अंसारी की सुख-सुविधा पर खर्च हुई भारी-भरकम राशि का भुगतान कौन करेगा. जेल में कैदियों पर खर्च हुई रकम का भुगतान सरकार को ही करना होता है. ऐसे में अगर पंजाब सरकार इस रकम के भुगतान से इनकार करती है तो जेल विभाग के सामने अलग तरह का संकट उत्पन्न हो सकता है.

रोपड़ जेल में रहा था मुख्तार

गौरतलब है कि मोहाली के एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के मामले में पंजाब पुलिस मुख्तार अंसारी को यूपी से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आई थी. पंजाब पुलिस ने कोर्ट में चालान दायर नहीं किया था और यूपी पुलिस की ओर से दो दर्जन से अधिक रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी उसे वापस भेजने से कतराती रही. अंत में यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी थी.

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सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से यूपी वापस ले जाया जा सका था. मुख्तार अंसारी पिछली कांग्रेस की सरकार के समय जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रोपड़ जेल में बंद रहा था. इस दौरान मुख्तार को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया था जिस पर भारी-भरकम राशि खर्च हुई थी. इसे लेकर पंजाब सरकार ने एक कमेटी भी बनाई थी जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी.

 

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