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'बारूद हैं नवजोत सिद्धू, पार्टी को बर्बाद करने पर तुले', कांग्रेस नेताओं ने की हाईकमान से निष्कासित करने की मांग

नवजोत सिंह सिद्धू पर पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सिद्धू पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं और वह बारूद की तरह हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने पार्टी हाईकमान से सिद्धू को निष्कासित करने की भी मांग की है. वहीं सिद्धू गुट ने पार्टी पर खुद को नजर अंदाज करने का आरोप लगाया है.

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पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)

पंजाब में कांग्रेस दो फाड़ नजर आ रही है. कारण, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर पार्टी के ही नेताओं ने निशाना साधा है. उन्होंने सिद्धू को ऐसा बारूद बताया है, जो कभी भी फटकर पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है. कांग्रेस नेताओं के एक गुट ने संयुक्त बयान जारी करते हुए पार्टी से सिद्धू को निष्कासित करने की मांग की है. वहीं सिद्धू गुट के नेताओं ने पार्टी पर उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.

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दरअसल, लखवीर सिंह लक्खा, दविंदर सिंह घुबाया, खुशबाज सिंह जटाना और अमित विज ने बयान जारी करते हुए कहा, "नवजोत सिंह सिद्धू बारूद की तरह हैं पार्टी में विस्फोट कर सकते हैं. हम 2022 में सिद्धू की नाकामयाबी और सही दिशा में काम नहीं करने के चलते 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए. अब समय आ गया है कि उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाए. 

कांग्रेस के स्टेट चीफ अमरिंदर सिंह राजा ने भी गुरुवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिद्धू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सिद्धू एक ऐसे नेता हैं जो पार्टी लाइन में विश्वास नहीं करते और अतीत में पार्टी को बर्बाद कर चुके हैं.

इससे पहले प्रदेश में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने रैलियां करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू की आलोचना की. उन्होंने सिद्धू से अतीत का पुनरावलोकन करने को कहा, जिससे उन्होंने पार्टी को आज इस मुकाम पर पहुंचा दिया है.

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प्रताप बाजवा ने कहा, "मैं सिद्धू साहब से परिपक्वता के साथ काम करने की अपील करता हूं. आपको समझना चाहिए कि क्या इस समाज ने आपको सम्मान दिया है. कृपया ऐसा न करें. आपके अध्यक्ष रहते हुए पार्टी 78 से गिरकर 18 सीटों पर आ गई. आप और क्या चाहते हैं. शांत रहें और पार्टी कैडर के साथ आगे बढ़ें.''

रैलियां कर रहे हैं सिद्धू

नवजोत सिंद सिद्धू प्रदेश में रैलियों को संबोधित कर खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी को लेकर वह कांग्रेस के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. वहीं सिद्धू ने पंजाब के नेताओं द्वारा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न करके अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले का भी विरोध किया. उन्होंने पार्टी नेताओं के इस कदम को INDIA गठबंधन को तोड़ने की कोशिश करार दिया था.

सिद्धू ने एक्स पर लिखा, "पंजाब को यह समझना चाहिए कि यह भारत के प्रधानमंत्री को चुनने का चुनाव है, न कि पंजाब के मुख्यमंत्री का. INDIA गठबंधन एक बड़े पहाड़ की तरह खड़ा है. इधर-उधर से आने वाला तूफान इसकी भव्यता को प्रभावित नहीं करेगा. इस ढाल को तोड़ने का कोई भी प्रयास हमारे लोकतंत्र की रक्षा करना निरर्थक साबित होगा.'' 

सिद्धू की रैलियों से पार्टी नेताओं में खलबली

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बता दें कि बठिंडा में आयोजित हुई सिद्धू की रैली में जुटे जनसमर्थन को देख पार्टी नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आई. यह रैली राज्य नेतृत्व द्वारा विरोध प्रदर्शन की घोषणा से कुछ दिन पहले आयोजित की गई थी. पंजाब कांग्रेस चीफ अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा सिद्धू के INDIA गठबंधन को समर्थन करने के बयान पर कहा, "कुछ नेता पार्टी के नियम कायदों में विश्वास नहीं रखते हैं और पार्टी को कमजोर करने पर तुले हुए हैं। इससे किसी को कोई फायदा नहीं होगा. मैं कांग्रेस नेतृत्व से अपील करना चाहता हूं कि सीट बंटवारे पर कोई भी निर्णय लेने से पहले लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखें."

हमें पार्टी के कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाता: सिद्धू गुट

इस बीच, पांच पूर्व विधायकों समेत नवजोत सिंह सिद्धू के गुट के नेताओं ने प्रतिद्वंद्वी गुट के नेता पर उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. सिद्धू गुट की ओर से जारी बयान में कहा गया, "हमें पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाता है. पार्टी कार्यकर्ता खुद को नजरअंदाज महसूस कर रहे थे. जब नवजोत सिद्धू ने मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के लिए एक रैली को संबोधित किया तो उन पर निशाना साधा गया."

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पंजाब कांग्रेस में नेतृत्व का संकट: अकाली दल

वहीं विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कांग्रेस में गुटबाजी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य में नेतृत्व संकट है. शिरोमणि अकाली दल के महासचिव डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा, "पंजाब कांग्रेस में नेतृत्व का संकट है. कांग्रेस नेता अपने आलाकमान के आदेश का पालन करने के लिए तैयार नहीं हैं, जो कहता है कि वे आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में हैं. जैसे-जैसे देश में चुनाव नजदीक आएंगे, गुटबाजी और बढ़ती जाएगी." 

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