1988 के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला रिजर्व होने के बाद से पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से कांग्रेस ने किनारा करना शुरू कर दिया है. पहले नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से सिद्धू को जो सजा दी गई है वो बिल्कुल सही है और उसके बाद कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से भी नवजोत सिंह सिद्धू का नाम बाहर कर दिया गया और अब सिद्धू को एक और नया झटका पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी से मिला है.
पीपीसीसी यानी पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपनी को-आर्डिनेशन कमेटी और अन्य कई कमेटियों की घोषणा की और इन कमेटियों में अपने पंजाब के तमाम नेताओं को ओहदे और जिम्मेदारियां दीं, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू का नाम किसी भी को-आर्डिनेशन कमेटी में मौजूद नहीं है.
इसी के चलते ये माना जा रहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर अपना फैसला साफ नहीं करता तब तक कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू से राजनीतिक दूरियां बनाकर रखना चाहती है.
हालांकि कैमरे के सामने अभी भी पंजाब कांग्रेस के तमाम नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ खड़े होने और पार्टी का पूरा साथ नवजोत सिंह सिद्धू को होने का दावा कर रहे हैं.
हर सवाल का बखूबी जवाब देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू भी पार्टी में लगातार उन्हें जिम्मेदारियों से दूर करने के सवाल पर लाजवाब दिखाई दिए और उन्होंने अपने ही अंदाज में पंजाब प्रदेश कांग्रेस की को-आर्डिनेशन कमेटियों से बाहर रखने के सवाल पर कहा कि जिस स्कूल में पत्रकार पढ़ कर आए हैं वो वहां के हेड मास्टर रह चुके हैं और वो इन सवालों में नहीं फंसने वाले और सिद्धू ने इन सवालों को दरकिनार कर दिया.
आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर और पंजाब विधानसभा के नेता विपक्ष सुखपाल खैहरा ने इस मामले पर कहा कि पंजाब कांग्रेस में जो भी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से मजबूत होने लगता है, उसे कैप्टन अमरिंदर सिंह ऐसे ही खत्म कर देते हैं.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग रोडरेज के मामले के बहाने से नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक करियर खत्म करने की कोशिश कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस की ओर से की जा रही है.
नवजोत सिंह सिद्धू पर सुप्रीम कोर्ट में रोडरेज के मामले में फैसला रिजर्व है और ये फैसला कभी भी सुनाया जा सकता है और जब तक सुप्रीम कोर्ट से नवजोत सिंह सिद्धू को क्लीन चिट नहीं मिलती है तब तक कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें राजनीतिक जिम्मेदारियां देना कम कर दिया है.
हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू अभी भी पंजाब के कैबिनेट मिनिस्टर हैं और उन्हें कैबिनेट से हटाने के सवाल पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी दो टूक कह चुके हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देंगे.
एक ओर तो कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में बयान देते हैं और वहीं दूसरी ओर उन्हें पार्टी की केंद्रीय और राज्य की जिम्मेदारियों से दूर रखा जाता है, तो इसे देखकर ये अंदेशा होता है कि नवजोत सिंह सिद्धू फिलहाल कांग्रेस के गले की फांस बन चुके हैं.