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सिद्धू रिटर्न्स: लंबे सियासी ब्रेक के बाद हल्ला बोल, किसान बिल के खिलाफ किया प्रदर्शन

पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू लंबे वक्त के बाद किसी सियासी कार्यक्रम में दिखे हैं. किसान बिल के विरोध में बुधवार को सिद्धू अमृतसर में प्रदर्शन करते नजर आए.

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किसान बिल के खिलाफ सिद्धू का हल्ला बोल
किसान बिल के खिलाफ सिद्धू का हल्ला बोल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसान बिल के खिलाफ पंजाब में हल्ला बोल
  • अमृतसर में प्रदर्शन में शामिल हुए सिद्धू

केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि बिलों के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है. बुधवार को पंजाब के अमृतसर में कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदर्शन किया गया. इस दौरान पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी सड़कों पर उतरकर किसान बिल के विरोध में हुंकार भरी. 

पंजाब और हरियाणा में इस बिल के खिलाफ सबसे आक्रामक तौर पर प्रदर्शन किया जा रहा है. जहां सभी राजनीतिक दलों की ओर से एकजुटता दिखाई गई है, साथ ही अन्य किसान संगठन भी इस बिल के विरोध में सामने आए हैं.

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नवजोत सिंह सिद्धू पिछले काफी लंबे वक्त के बाद किसी बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखे हैं. उनका पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के साथ रिश्ता सही नहीं रहा है, ऐसे में यही वजह है कि पंजाब की पॉलिटिक्स में कम एक्टिव हैं.  हालांकि, कोरोना संकट के दौरान भी वो लगातार सोशल मीडिया पर अपने वीडियो डाल मुद्दों पर बात रखते रहे. 

लोकसभा चुनाव के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू और अमरिंदर सिंह में दरार सामने आई थी. पंजाब में खराब चुनावी नतीजों का ठीकरा भी अमरिंदर ने सिद्धू पर भी फोड़ दिया था. लंबे विवाद के बाद जुलाई 2019 में सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उसी के बाद से वो लगातार शांत ही रहे थे. 

पंजाब में गर्म है किसान बिल का मसला
कृषि बिल के मसले पर ही पंजाब के अकाली दल ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. साथ ही अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया और इस बिल को किसान विरोधी करार दिया. सुखबीर बादल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर बिल पर हस्ताक्षर ना करने की अपील की.

पंजाब में कांग्रेस की ओर से अकाली दल को एनडीए छोड़ने और मंत्री पद छोड़ने की चुनौती दी गई थी. हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से लगातार इस बिल को लेकर विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है. और किसानों को विपक्ष की बातों में ना आने की सलाह दी जा रही है. 

आने वाली 25 सितंबर को भी देश भर के कई किसान संगठन, राजनीतिक दलों ने इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन की बात कही है. पंजाब में भी इसको लेकर व्यापक तैयारी है.  

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